-भारत समेत कई देशों ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में फिर डालने की मांग नई दिल्ली (ईएएमस)। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की जुलाई 2025 की रिपोर्ट ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत लगाए गए आरोपों पर मुहर लगा दी है। आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली इस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पहली बार रिपोर्ट में पाकिस्तान को राज्य प्रायोजित आतंकवाद का केंद्र बताया है और उसकी गंभीर अंतरराष्ट्रीय उल्लंघनों की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को मिलने वाली राज्य प्रायोजित फंडिंग, सैन्य सहयोग, लॉजिस्टिक सपोर्ट, प्रशिक्षण, और ट्रेड-बेस्ड मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया है। संस्था ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी राज्य अगर आतंकी संगठनों को धन या संसाधन देता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय मानकों और दायित्वों का सीधा उल्लंघन है। बता दें भारत बार-बार यह दावा करता रहा है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकी संगठनों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है। एफएटीएफ की यह रिपोर्ट रिस्क असेसमेंट में दर्ज बिंदुओं की पुष्टि करती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान सीमा के जरिए आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित करने के प्रयास, जैसे पहलगाम में हमला, चीन से डुअल-यूज़ मिसाइल सामग्री की आपूर्ति और पूर्वी एशिया में नकली एनजीओ के जरिए फंडिंग, साफ तौर पर राज्य-प्रायोजित नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों का इस्तेमाल मानवीय सहायता की आड़ में आतंकी फंडिंग के लिए किया गया। इसके अलावा आतंकियों तक संसाधन पहुंचाने की साजिश भी बेनकाब की गई, जैसे: कच्चे तेल को तीसरे देश भेजना, वहां सोने में बदलकर असली गंतव्य तक पहुंचाना, व्यापार के जरिए धनशोधन की नई रणनीति अपनाना, यह मॉडल वैश्विक वित्तीय पारदर्शिता को कमजोर करता है और संभावित रूप से राज्य की मंजूरी से संचालित होता है। रिपोर्ट में एफएटीएफ ने कड़ी नाराजगी जताई कि पाकिस्तान ने अब तक मसूद अजहर, हाफिज सईद और साजिद मीर जैसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। भारत सहित कई देशों ने अब पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में फिर से डालने की मांग की है। एफएटीएफ ने भारत, संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों को सराहा है। भारत के मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून और आतंकी फंडिंग रोकथाम की दिशा में हुए सुधारों को एफएटीएफ ने एक मॉडल दृष्टिकोण बताया है। सिराज/ईएमएस 10जुलाई25