गोरखपुर,(ईएमएस)। एम्स गोरखपुर की इमरजेंसी में भर्ती मरीजों के परिजन अब खुद बीमार पड़ने लगे हैं। कारण है, बैठने और रुकने की व्यवस्था का न होना। इमरजेंसी के बाहर पहले से लगी कुर्सियों को हटा दिया गया है, और अब तीमारदारों को वहां बैठने तक नहीं दिया जाता। गार्ड बार-बार उन्हें भगाते हैं, जिससे वे गलियारों में इधर-उधर भटकते नजर आते हैं। बताया जा रहा है कि एम्स प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और साफ-सफाई के नाम पर कुर्सियां हटवा दी हैं। यह कदम मरीजों और तीमारदारों दोनों के लिए भारी पड़ रहा है। गर्मी और उमस में घंटों फर्श पर बैठने के कारण अब कई तीमारदार खुद भी बीमार हो रहे हैं और ओपीडी से इलाज करवा रहे हैं। पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह के समय परिजन सुविधाजनक रूप से बाहर कुर्सियों पर बैठ सकते थे। लेकिन अब फर्श भी नसीब नहीं। रैन बसेरा में सीमित (140) बेड हैं और वहां भी रुपए लेकर ही रुकने की अनुमति है। ऐसे में गरीब और दूरदराज से आए लोगों के लिए यह और भी कष्टदायक है। ओपीडी में भी वही हाल ओपीडी में भी अब कुर्सियों की संख्या घटा दी गई है। रोज़ लगभग 4000 मरीज आते हैं, ऐसे में खुद मरीजों को भी बैठने की जगह नहीं मिलती, फर्श ही आखिरी विकल्प बन जाता है। इस संबंध में एम्स प्रशासन का कहना है कि भीड़ न बड़े इसलिए कुर्सियां हटाई गई हैं। अब दोबारा वहां कुछ कुर्सियां लगवाई जा रही हैं। रैन बसेरा में भी बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। वैसे भीड़ बढ़ने से संक्रमण का खतरा रहता है, इसलिए इसे भी देखना जरुरी होता है। हिदायत/ईएमएस 10जुलाई25