राज्य
11-Jul-2025
...


इन्दौर (ईएमएस) समय पर खून नहीं मिलने जैसे शहर को शर्मसार करने वाले घटनाक्रम के चलते 4 साल के मासूम की मौत हो गई, घटना शहर के चिकित्सा जगत ही नहीं बल्कि शहर के हर वर्ग को शर्मसार करती है क्योंकि इन्दौर जैसे शहर में तकरीबन हर दूसरे दिन जगह जगह आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर के आयोजन के साथ रक्तदान में रिकार्ड बनाने वालों की खबरें सुर्खियों के साथ अखबारों में छपती और चैनलों पर प्रसारित की जाती है। लापरवाही हेतु जिम्मेदार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। घटना प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम वाय अस्पताल की ही है जहां समय पर खून नहीं मिलने के कारण पीथमपुर निवासी एक 4 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। घटना का दर्दनाक और दुखद पहलू यह भी है कि इस मासूम की मौत के कुछ घंटों पहले इसके दूसरे जुड़वां भाई की भी मौत हो गई थी यदि समय पर खून मिल जाता तो शायद इसकी जान बचाई जा सकती थी। मामले में बताया जा रहा है कि 4 साल के जुड़वां भाई आकाश और विकास बुधवार शाम घर की छत पर खेल रहे थे। तभी विकास ने वहीं रखा एक सरिया उठा लिया जो ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन लाइन से टकराया जिसमें दोनों झुलस गए उन्हें तुरंत इलाज हेतु नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां से एमवाय भिजवाया वहां रात में आकाश की मौत हो गई। इसके बाद इलाजरत विकास की हालत सुबह बिगड़ने लगी तब डाक्टर ने खून मांगा और समय पर खून नहीं मिला तो उसने भी दम तोड़ दिया। मृत मासूम बालक के पिता पवन राय ने आरोप लगाते कहा है कि गुरुवार सुबह जब डॉक्टर ने बेटे के लिए खून लाने को कहा, तो वह ब्लड बैंक पहुंचे, लेकिन वहां मौजूद गार्ड ने कहा-ब्लड बैंक साढ़े नौ बजे खुलेगा वे बाहर इंतजार करते रहे और इस बीच बेटे ने दम तोड़ दिया। मामले में एमवाय अधीक्षक डॉ. अशोक यादव का कहना है कि ब्लड बैंक 24 घंटे खुला रहता है, ग्रुपिंग में 1.5 से 2 घंटे लगते हैं, प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन बच्चे की पहले ही मौत हो गई। अधीक्षक ने बयान तो दे दिया है लेकिन एम वाय अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार किसी से छुपा नहीं है इसलिए मृतक मासूम के पिता के बयान की जांच कर मासूम की मौत में यदि लापरवाही सामने आती हैं तो जिम्मेदारों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए। आनन्द पुरोहित/ 11 जूलाई 2025