क्षेत्रीय
11-Jul-2025
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* गुना (ईएमएस) गुना। सावा हेल्थ केयर लिमिटेड एवं अनीता जैन मेमोरियल फाउंडेशन, गुना के तत्वाधान में शुक्रवार को मानस भवन गुना में निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल एवं वैद्य प्रदीप घोडके (ग्वालियर) के आतिथ्य में भगवान धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ किया गया। इस अवसर पर शिविर संयोजक रविंद्र जैन, अरविंद जैन, मानस भवन समिति सचिव सुनील अग्रवाल, उपाध्यक्ष निकलंक जैन, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली सहित लायंस क्लब गुना सिटी एवं लिनेश क्लब के सदस्य व नगर के गणमान्य जनों ने नर सेवा ही नारायण सेवा भाव से शिविर में सेवा कार्य कर सहयोग प्रदान किया।। शिविर में वात रोग न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मधुमेह, पेट संबंधी रोग का डॉक्टरों द्वारा परामर्श दिया गया। इससे पूर्व स्वागत भाषण तनिष्का जैन ने दिया। स्वास्थ शिविर को संबोधित करते हुए गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने कहा कि आयुर्वेद का महत्व सिर्फ चिकित्सा तक सीमित नहीं है बल्कि ये एक समग्र जीवन पद्धति है। इसमें रोगों के उपचार के साथ उनकी रोकथाम पर भी बल दिया जाता है। आयुर्वेद का आधार प्राकृतिक चिकित्सा है। आयुर्वेदिक औषधियां जड़ी-बूटियों, खनिजों और प्राकृतिक तत्वों से बनाई जाती हैं, जिसके कारण इनके दुष्प्रभाव न्यूनतम होते हैं। इसके अलावा, आयुर्वेद में आहार और जीवनशैली को विशेष महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि की समय समय पर गुना में आयुर्वेद के शिवर लगते रहे। जिससे हमारा गुना विकसित भारत 2047 तक स्वस्थ भारत में अपनी महती भूमिका निभाने में योगदान दे। *आधुनिक युग में आयुर्वेद की प्रासंगिकता* श्री कन्याल ने कहा में आयुर्वेद, जो हजारों वर्षों से भारत की चिकित्सा और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा रहा है, आज भी उतना ही प्रासंगिक है। आज के समय में जब तनाव, डायबिटीज़, हाई बीपी, कैंसर जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं, आयुर्वेद की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। आयुर्वेदिक आहार, योग, और विश्राम तकनीकें इन बीमारियों की रोकथाम में प्रभावी साबित हुई हैं। वैध प्रदीप घोड़के ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया प्राकृतिक चिकित्सा की ओर लौट रही है, ऐसे में भारत का यह प्रयास बेहद जरूरी और समय के अनुकूल है. आयुर्वेद न केवल उपचार की एक पद्धति है, बल्कि यह जीवनशैली, खान-पान और मानसिक संतुलन पर भी जोर देता है। हमको दादी के नुस्खे और प्राकृतिक वर्तन जिसमें लोहे की कड़ाई, मिट्टी के बर्तनो का उपयोग दैनिक जीवन में अपना कर हम स्वयं स्वस्थ रह सकते हे। कार्यक्रम का संचालन अभिजीत गोयल ने किया एवं आभार संयोजक रविंद्र जैन ने माना।(सीताराम नाटानी -ईएमएस)