क्षेत्रीय
11-Jul-2025
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ग्वालियर ( ईएमएस ) | आचार्यश्री सुबल सागर महाराज के सानिध्य में और सकल जैन समाज ग्वालियर एवं सन्मति सुबल पावन वर्षायोग समिति के तत्वाधान में चले रहे 02 से 11 जुलाई तक नौ दिवासीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन हुआ। विधान के अंतिम दिन आज शुक्रवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग बगीची में चल विधान समापन पर इंद्र इंद्रणियों ने अभिषेक, शांतिधारा के साथ विश्वशांति महायज्ञ कर किया। समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि आचार्य श्री सुबल सागर महाराज के सानिध्य में ओर विधानाचार्य आशीष भैयाजी के मार्ग दर्शन में इंद्रो ने कलशों से भगवान जिनेंद्र का अभिषेक किया। वही शांतिधारा डॉ वीरेंद्र गंगवाल, प्रशांत विकाश गंगवाल परिवार ओर राजूनपदम जैन, सतीश अशोक जैन ने की। वही विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ने मंत्रो से सौधर्म इंद्र नरेश रावंक, कुबेर राजेश जैन, महा यज्ञ नायक पदम जैन, महेन्द्र इंद्र राकेश जैन,ईशान विकास जैन, सनत इंद्र राजेंद्र जैन, श्रीपाल सचिन जैन जैन, सहित इंद्र -इन्द्राणियों ने सामूहिक रूप से अग्निकुंड में आहुति डालकर भगवान जिनेन्द्र से विश्वशांति की मनोकामना की। वही विधानाचार्य आशीष भैयाजी, सह विधानाचार्य विवेक शास्त्री, उमेश जैन ओर पत्रों का सम्मान समिति के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र गंगवाल, सचिव निर्मल पाटनी, बालचंद्र जैन, महेंद्र टोंग्या, वीरेंद्र बाबा, प्रमोद जैन, इंजी, राजमल जैन, विनय कासलीवाल, पंकज जैन महेंद्र जैन आदि ने किया।संचालन उमेश जैन भिंड ने किया। *पुण्य कर्मों के प्रभाव से धर्म का मार्ग प्रशस्त होता है-:आचार्य श्री सुबल सागरजी।* आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ने सिद्धचक्र विधान में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि समय परिवर्तनशील है और धर्म का मार्ग प्रशस्त करने वाले महान पुरुष समय-समय पर आते रहते हैं. उनके पुण्य कर्मों से धर्म का रथ गति पकड़ता है। समय बदलता रहता है, और धर्म के मार्गदर्शक, यानी महान पुरुष, धर्म को आगे बढ़ाते रहते हैं. उनके पुण्य कर्मों के प्रभाव से धर्म का मार्ग प्रशस्त होता है और अधिक से अधिक लोग उस मार्ग पर चलने लगते हैं। आचार्य श्री के चरणों का पाद प्रक्षालन पंकज रेनू छाबड़ा परिवार ने ओर शास्त्र भेंट पुरुषोत्तम जैन ने किया।