इंदौर (ईएमएस)। इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आज मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 के अंतर्गत भविष्य के लिए सतत हरित शहरीकरण विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में हरित बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, कार्बन क्रेडिट, स्मार्ट सिटी और नागरिकों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। प्रमुख सचिव, पर्यावरण, नवनीत मोहन कोठारी ने कहा कि सरकार हरित नगरों का विकास कर सतत विकास को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरों का विकास इस तरह से होना चाहिए जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो और लोगों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके। सीएसई की कार्यकारी निदेशक सुश्री अनुमिता रॉय चौधरी ने हरित विकास योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भवन निर्माण और वाहन क्षेत्रों में उचित अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) तथा रीसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। रीएनर्जी डायनेमिक्स प्राइवेट के सीईओ वरुण कराड ने भविष्योन्मुखी शहरों के निर्माण की वकालत की, जो लंबे समय तक स्थायी रहें। उन्होंने ग्रीन बॉन्ड, कार्बन क्रेडिट और पीपीपी मॉडल को इस दिशा में अच्छे विकल्प बताया। वर्बियो इंडिया के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार ने बायो फ्यूल में पीपीपी मॉडल और नीति-आधारित समावेशी प्रबंधन पर चर्चा करते हुए निजी क्षेत्र में तकनीकी अनुभव और प्रमाणित तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। एसएस गैस लैब एशिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री जयंती गोएला ने तीव्र औद्योगिक विकास के दौर में ट्रांज़िशन तकनीकों की आवश्यकता पर बल दिया, विशेषकर उन तकनीकों पर जिनसे कार्बन फुटप्रिंट को नियंत्रित किया जा सके, जैसे कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की हानि सबसे बड़ी हानि है। ईकेआई एनर्जी के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ गुप्ता ने नेट जीरो लक्ष्य, सस्टेनेबल प्लानिंग और कार्बन क्रेडिट मॉनिटरिंग जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की। सत्र में उपस्थित अन्य सदस्यों ने एकीकृत नगर नियोजन (इंटीग्रेटेड टाउन प्लानिंग), अपशिष्ट प्रबंधन, हरित बुनियादी ढांचे का विकास, ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, स्मार्ट सिटी अवधारणा और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर भी विचार-मंथन किया। सत्र के अंत में, पूर्व लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते शहरीकरण के प्रभावों और चुनौतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिससे चर्चा को एक व्यापक दृष्टिकोण मिला। प्रकाश/11 जुलाई 2025