नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में इस साल होने वाले एशिया कप हॉकी और जूनियर हॉकी विश्व कप को लेकर पाकिस्तान की स्थिति असमंजस में नजर आ रही है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी टीमों के आने के सवाल पर सकारात्मक रुख दिखाया है और विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय से अनुमति भी मिल गई है। इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार अपनी सीनियर और जूनियर हॉकी टीम को भारत न भेजने का मन बना रही है। दरअसल, पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने अगस्त-सितंबर में बिहार के राजगीर में होने वाले एशिया कप में भाग लेने और नवंबर-दिसंबर में चेन्नई में होने वाले जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए अपनी सरकार से अनुमति मांगी है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा राजनीतिक हालात और हाल ही में दोनों देशों के बीच हुए तनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार इसकी मंजूरी देने के मूड में नहीं है। पाकिस्तान सरकार के गठबंधन दलों का मानना है कि हालिया घटनाओं के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन गया है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सीमा पर तनाव और गोलीबारी की घटनाओं से माहौल और बिगड़ गया। इसके चलते पाकिस्तान में यह राय बन गई है कि मौजूदा हालात में टीम को भारत भेजना खतरे से खाली नहीं होगा। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान हॉकी महासंघ अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ और एशियाई हॉकी महासंघ से यह मांग कर सकता है कि इन टूर्नामेंटों को भारत से हटाकर किसी तटस्थ स्थल जैसे मलेशिया या ओमान में कराया जाए। हालांकि, पीएचएफ के सूत्रों के अनुसार ऐसा होना लगभग नामुमकिन है क्योंकि इन देशों के पास मेजबानी के लिए जरूरी लगभग एक लाख डॉलर की रकम जुटाना मुश्किल होगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पिछले साल चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लिया था, जहां वह छह टीमों में पांचवें स्थान पर रहा था। उस आयोजन में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी थी और भारत ने प्रतियोगिता जीत ली थी। इस अनुभव के बावजूद इस बार हालात ज्यादा तनावपूर्ण माने जा रहे हैं। पाकिस्तान में कई लोग भारतीय मीडिया की रिपोर्टों को लेकर भी नाराजगी जता रहे हैं। कुछ भारतीय मीडिया रिपोर्टों में पाकिस्तानी टीम को अनुमति दिए जाने की आलोचना के बाद पाकिस्तान में आशंकाएं और गहरी हो गई हैं। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के युवा मामलों के प्रमुख राणा मशूद ने कहा कि वे चाहते हैं कि पाकिस्तानी टीम भारत जाकर उसे हराए, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा करना उचित नहीं होगा। इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान में इस दौरे को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है और टीम के भारत आने की संभावना फिलहाल कमजोर पड़ती दिख रही है। डेविड/ईएमएस 12 जुलाई 2025