13-Jul-2025
...


लंदन (ईएमएस)। वैज्ञानिकों ने गैलापागोस द्वीप समूह में उगने वाले जंगली टमाटरों में ऐसा बदलाव देखा है, जो अब तक असंभव माना जाता था। इस अविश्वसनीय खोज को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (यूसी रिवरसाइड) और इज़राइल के वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों की एक टीम ने अंजाम दिया है। दो टमाटर प्रजातियों - सोलनम चीसमेनिया और सोलनम गैलापागिनिस में ऐसा जेनेटिक परिवर्तन देखा गया है जिससे लाखों साल पहले बंद हो चुके जीन दोबारा सक्रिय हो गए हैं। उनका कहना है कि यह प्रकृति में ‘रिवर्स इवोल्यूशन’ यानी उल्टा विकास का एक जीवंत उदाहरण है, जिसमें जीव अपने पुराने जीन को दोबारा सक्रिय कर लेते हैं। शोधकर्ताओं ने गैलापागोस के अलग-अलग इलाकों से 56 टमाटर सैंपल इकट्ठा किए और डीएनए विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि पूर्वी द्वीपों पर उगने वाले टमाटरों में आधुनिक किस्मों जैसे टॉक्सिक केमिकल्स (अल्कलॉइड्स) पाए गए, जबकि पश्चिमी द्वीपों पर उगने वाले टमाटरों में यह रसायन अपने प्राचीन रूप में मौजूद हैं, जैसे कि वे लाखों साल पहले बैंगन की पुरानी प्रजातियों में पाए जाते थे। यह परिवर्तन किसी बाहरी प्रयोग से नहीं, बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक रूप से हुआ है। डीएनए विश्लेषण से पता चला कि यह बदलाव एक विशेष एंजाइम की वजह से हुआ है, जिसमें सिर्फ कुछ अमीनो एसिड की अदला-बदली से टमाटर की जैविक क्रिया प्रणाली ने पुराने जीन की दिशा पकड़ ली। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बदलाव गैलापागोस के पश्चिमी द्वीपों की कठोर और बंजर परिस्थितियों के कारण हुआ, जहां पोषक तत्वों की कमी और पर्यावरणीय दबावों ने पौधों को मजबूर किया कि वे खुद की रक्षा के लिए फिर से विषैले रसायनों का निर्माण शुरू करें। यह खोज विकासवाद की हमारी समझ को एक नया मोड़ देती है। यह दिखाती है कि लाखों साल पहले निष्क्रिय हो चुके जीन अभी भी जीवों में मौजूद रहते हैं और अनुकूलन के दबाव में फिर से जाग सकते हैं। सुदामा/ईएमएस 13 जुलाई 2025