क्षेत्रीय
14-Jul-2025


बिना जांच के ही बनाए जा रहे फर्जी प्रमाणपत्र, जिम्मेदार विभाग को नहीं कोई सरोकार छिंदवाड़ा (ईएमएस)। शासन ने प्रत्येक पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर खोलना अनिवार्य किया हुआ है। इसके लिए शासन द्वारा आदेश भी जारी किए गए थे। लेकिन शासन के इस निर्देशों का पालन शहर के पेट्रोल पंपों पर नहीं हो रहा है। पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा शासन के आदेशों की धज्जिया उड़ाते हुए पेट्रोल पंपों का संचालन कर रहे है। इतना ही नहीं परिवहन विभाग भी शासन के इस निर्देश का पालन करते हुए नजर नहीं आ रहा है। हालांकि परिवहन विभाग का कहना है कि पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर बने है या नहीं यह जांच करना प्रदूषण नियंत्रण विभाग का काम है। वहीं प्रदूषण विभाग का कहना है कि पीयूसी सेंटर खोलने की अनुमति देने का परिवहन विभाग का है। दोनों ही विभाग अपनी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है विभागों के बीच सामान्जस ना होने की स्थिति पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा नियमों की धज्जिया उड़ाते हुए पेट्रोल पंपों का संचालन कर रहे है। वातावरण को कर रहे प्रदूषित वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इस पर नियंत्रण के लिए प्रत्येक वाहन की जांच पीयूसी सेंटर (प्रदूषण जांच केंद्र) में करानी अनिवार्य है। जांच के बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। लेकिन, वर्तमान में इन पीयूसी सेंटर को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। शासन के निर्देश पर प्रत्येक पेट्रोल पंपों पर यह पीयूसी सेंटर अनिवार्य रूप से खोले जाने हैं, लेकिन वह अब तक नहीं खुल पाए हैं। इस वजह से शहर में सैंकड़ों वाहन ऐसे घूमते नजर आते है जिनके वाहनों से प्रदूषित धुआं निकलता हुआ दिखाई देता है। सालों पहले शासन ने जारी किए थे आदेश पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर खोले जाने का नोटिफिकेशन जारी होने के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कुछ ही पेट्रोल पंप संचालकों ने जिला परिवहन विभाग से आवेदन कर अनुमति मांगी है, लेकिन पीयूसी सेंटर की मशीनरी अब तक नहीं स्थापित हो पाई है। हालांकि कोई भी विभाग इस ओर गम्भीरता से ध्यान नहीं दे रहा है। बगैर जांच शहर में मिल रहे प्रमाण पत्र शहर में परासिया मार्ग पर पुराने आरटीओ कार्यालय के समीप बिना मशीन जांच के प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं। गाड़ी नंबर बताने पर वह पीयूसी प्रमाण पत्र मिल जाता है। यह कार्य पूर्व से लगातार चल रहा है। आरटीओ कार्यालय में भी परमिट व फिटनेस में लगने वाले पीयूसी प्रमाण पत्र तत्काल फर्जी तरीके से बन जाते हैं। कार्यालय में ही एजेंट सक्रिय हैं, जो तत्काल पीयूसी सर्टिफिकेट दे देते हैं। जिले में पीयूसी की नहीं होती कोई जांच महाराष्ट्र में वाहनों की जांच नियमित और अनिवार्य रूप से की जाती है। जिले के वाहन चालक महाराष्ट्र जाने से पहले पीयूसी प्रमाण पत्र हासिल कर लेते हैं। इससे वे जुर्माने की कार्रवाई से बच जाते हंै। जिले में ऐसी सख्ती देखने को नहीं मिलती है। इसी वजह से लोग पीयूसी को लेकर गंभीरता नहीं बरतते हैं। प्रदूषण विभाग को परिवहन विभाग ने पूर्व में पत्र लिखा था कि अनुमति दी जा रही है, तो पेट्रोल पंपों पर जांच कर इन्हें शुरू करवाएं, लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। छिंदवाड़ा के लिए परिवहन अधिकारी के पास नहीं समय परिवहन अधिकारी की अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। परिवहन अधिकारी को छिंदवाड़ा प्रभार मिलने के बाद से ही वह छिंदवाड़ा की ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझते है। वह केवल दो दिनों के लिए आते है, जिस पर भी वह महज खानापूर्ति करते हुए वापस बैतूल चले जाते है। जिले में बसे परमिट बगैर चल रही है , या इनमें फिटनेस है या नहीं, पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर है या नहीं जैसे महत्वपूर्ण कार्यों से उनका कोई लेना देना नहीं है। वह केवल अपने जिम्मेदारी पर औपचारिकता निभा रहे है। छिंदवाड़ा के लिए उनके पास समय नहीं है। ईएमएस/मोहने/ 14 जुलाई 2025