सुकमा(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न हिस्सों में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाई का असर अब नक्सली संगठन भी स्वीकार करने लगे हैं। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी की ओर से जारी एक प्रेस नोट में बीते एक वर्ष के दौरान हुए भारी नुकसान को स्वीकार किया गया है। जारी बुकलेट के अनुसार, पिछले एक साल में 357 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 136 महिलाएं भी शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में 4 सेंट्रल कमेटी सदस्य और 15 राज्य कमेटी के सदस्य बताए गए हैं। यह कबूलनामा नक्सलियों की ओर से जारी एक विस्तृत दस्तावेज के जरिए सामने आया है। बुकलेट में क्षेत्रवार आंकड़ों का भी उल्लेख किया गया है: 281 नक्सली दंडकारण्य क्षेत्र से,23 तेलंगाना से,20 ओडिशा से,14 बिहार-झारखंड क्षेत्र से,8 महाराष्ट्र-मध्य क्षेत्र से 1-1 पंजाब और पश्चिमी घाट से नक्सल संगठन का दावा है कि इनमें से 80 नक्सली फर्जी मुठभेड़ों में, 269 घेराबंदी अभियानों में, जबकि कुछ की मौत स्वास्थ्यगत समस्याओं, दुर्घटना और अनुचित उपचार के चलते हुई है। प्रेसनोट में संगठन ने चार वरिष्ठ नक्सल नेताओं की पहचान भी उजागर की है, जिन्होंने बिहार-झारखंड विशेष क्षेत्रों में आंदोलन को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी। इनमें से एक नेता ने 2009 में विशेष क्षेत्रीय सचिव के रूप में कार्य किया था और बाद में पूर्वी बिहार–उत्तर-पूर्वी झारखंड समिति का नेतृत्व किया। नक्सलियों ने मारे गए सदस्यों की स्मृति में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक “शहीदी सप्ताह” मनाने की घोषणा भी की है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)15 जुलाई 2025