नई दिल्ली (ईएमएस)। अगर आप रोजाना पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खासकर क्लस्टर बस सेवा का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। दिल्ली की सड़कों से डिम्ट्स के तहत चल रही 533 क्लस्टर बसों को हटा लिया गया है। पहले से ही बसों की भारी कमी से जूझ रही राजधानी में यह फैसला आम जनता के लिए नई मुसीबत बन सकता है। हालांकि इन बसों का परमिट 15 जुलाई तक ही वैध था और उसके बाद इन्हें संचालन की अनुमति नहीं दी गई। इन बसों के हटने के बाद डिम्ट्स के पास कुल 3200 में से केवल 2700 बसें ही बची हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ये बसें सीमापुरी, राजघाट और नजफगढ़ के कैर डिपो से चल रही थीं और लगभग 40 रूटों पर सेवाएं दे रही थीं। जिन रूटों पर ये बसें चलती थीं, उनमें कश्मीरी गेट आईएसबीटी, द्वारका, उत्तम नगर, नेहरू प्लेस, कपासहेड़ा, मध्य, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली के कई इलाके शामिल हैं। बसों की संख्या में इस कटौती को दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, हटाई गई बसें अभी तकनीकी रूप से सड़क पर चलने के योग्य हैं और दो साल तक इनकी संचालन अवधि बढ़ाई जा सकती थी। लेकिन परिवहन विभाग ने इन्हें फिर से संचालन की अनुमति नहीं दी। डिपो में इलेक्ट्रिक बसों के लिए जगह बनाने की योजना को भी इस फैसले की एक वजह माना जा रहा है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सरकार चाहती तो इन बसों को और समय दिया जा सकता था, लेकिन शाम तक सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया। बताया जाता है कि इन बसों का संचालन पिछले 10 सालों से डीआईएमटीएस के अंतर्गत हो रहा था। जून 2024 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने इनके संचालन पर रोक लगा दी थी, लेकिन बस ऑपरेटर कोर्ट गए और उन्हें 15 जुलाई 2025 तक का अस्थायी विस्तार मिल गया। अब वह अवधि समाप्त होने पर ये बसें हटा दी गई हैं। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर उनका पक्ष नहीं मिल सका। जानकारों का मानना है कि सरकार की ये बसें भले निजी हों, मगर जनता को राहत देने का काम करती हैं और सरकार के बजट से ही चलती हैं। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/16/जुलाई /2025