मुम्बई (ईएमएस)। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा है कि भारतीय टेस्ट टीम के नये कप्तान शुभमन गिल को जरुरत से ज्यादा आक्रामक रुख अपनाने से बचना चाहिये। मांजरेकर के अनुसार ज्यादा आक्रामक होने से शुभमन की बल्लेबाजी पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। साथ ही कहा कि पहले दो टेस्ट मैच में शतक लगाने के बाद भी तीसरे टेस्ट में उनके रन नहीं बनाने का कारण जरुरत से ज्यादा आक्रामक रवैया था। शुभमन ने अभी तक तीन टेस्ट मैचों में ही इंग्लैंड में सबसे अधिक रनों का रिकार्ड बनाया है। मांजरेकर के अनुसार अगर उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना है तो वह विराट कोहली की तरह बनने का प्रयास न करें कयोंकि विराट आक्रामक होने पर और बेहतर बल्लेबाजी करते थे पर अन्य खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते। मांजरेकर लॉर्ड्स टेस्ट में शुभमन गिल के आउट होने को देखने के बाद से ही लगातार यह कहते आए हैं कि शुभमन जिस तरह से मैदान में इंग्लैंड के खिलाड़ियों से भिड़े, उसका प्रभाव उनकी बल्लेबाज पर पड़ा और वह एकाग्रता भंग होने के कारण संशय में दिखे। खासकर लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉली और बेन डकेट के साथ हुए विवाद का उनकी बल्लेबाजी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। चौथे दिन जब शुभमन बल्लेबाजी के लिए आए तो वह शुरुआत से ही बिल्कुल ही लय में नहीं दिख रहे थे। ये अंदाजा लगाना कठिन हो रहा था कि ये वही गिल हैं जिन्होंने पिछले मैच में 269 और 161 रन की पारियां खेली थी। वह शुरुआत में ही फुल टॉस मिस कर गए और आखिरकार 9 गेंद पर 6 रन बनाकर आउट हुए। मांजरेकर ने शुभमन को आगाह किया कि वह ऐसी छवि से बंधकर ब्रांड बनने का प्रयास न करें जो उनके स्वाभाव के अनुरुप न हो। उन्होंने कहा कि कोहली को विरोधियों से झड़प पसंद थी क्योंकि इससे उनकी बल्लेबाजी बेहतर होती थी। उन्होंने कहा कि लॉर्ड्स टेस्ट में अगर कोहली होते और वैसी स्थिति में बल्लेबाजी के लिए आते तो वह दूसरी पारी में शतक लगा देते जबकि शुभमन स्वाभाविक अंदाज की जगह पर दबाव में दिखे। गिरजा/ईएमएस 17 जुलाई 2025