वॉशिंगटन (ईएमएस)। नाटो देश दुनिया में हेकड़ी दिखाते हैं अपनी ताकत और एकजुटता के नाम पर दुनिया में किसी भी देश में रौब झाड़ने से पीछे नहीं हटते। इनकी हेकड़ी उस वक्त निकल गई जब रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने में नाकाम हो गए। अब भारत से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं। नाटो के महासचिव मार्क रुटे ने एक बड़ा बयान देकर भारत की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश रूस के साथ अपने आर्थिक संबंधों को जारी रखते हैं, तो उन्हें बेहद सख्त सेकंडरी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को नए हथियार देने का ऐलान किया है और रूस से व्यापार करने वालों पर 100प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। बुधवार को अमेरिकी सांसदों के साथ एक बैठक में रुटे ने यह कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर आप बीजिंग, दिल्ली या ब्राजीलिया में हैं, तो एक बार सोचिए कि ये निर्णय आपके लिए कितना भारी साबित हो सकता है। यह आप पर बहुत बड़ी चोट की तरह गिर सकता है।’ रुटे ने संवाददाताओं से कहा, ‘यदि आप चीन के राष्ट्रपति हैं, भारत के प्रधानमंत्री हैं, या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, और आप रूस के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं तथा उनका तेल और गैस खरीदते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि अगर पुतिन शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेते तो मैं 100 प्रतिशत सेकेंडरी प्रतिबंध लगा दूंगा।’ दरअसल वह चाहते हैं कि भारत और चीन जैसे देश पुतिन पर दबाव बनाएं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया है कि यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार दिए जाएंगे। इसमें एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलें और गोला-बारूद शामिल हैं, जिनकी लागत यूरोपीय देश मिलकर वहन करेंगे।जब रुटे से पूछा गया कि क्या यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें भी दी जाएंगी, तो उन्होंने कहा, यह डिफेंसिव और ऑफेंसिव दोनों तरह के हथियार हैं। यह निर्णय अब पेंटागन और नाटो के मिलिट्री कमांडर यूक्रेनी सेना के साथ मिलकर ले रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है कि वह अपनी सैन्य टुकड़ियों को भंग करे। जवाब में, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने संकेत दिया कि वे निजी सैन्य कंपनियां बनाने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि जेलेंस्की ने ‘प्राइवेट फॉर्मेशन्स’ के कानूनी ढांचे और भूमिका पर विस्तार नहीं दिया, लेकिन यह कदम पुतिन के दबाव का एक रणनीतिक उत्तर माना जा रहा है। 4 जुलाई को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न केवल रूस के अंदर तक हमलों को बढ़ाने का सुझाव दिया, बल्कि यह भी पूछा कि यदि लंबी दूरी के हथियार दिए जाएं तो क्या यूक्रेन मॉस्को पर हमला कर सकता है। यह कॉल उस दिन के ठीक बाद हुई जब ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत की थी। 16 जुलाई की रात यूक्रेन के कई शहरों में तेज धमाकों की आवाज गूंजी। रूस ने ड्रोन और मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला किया। ये हमले उस चेतावनी के अगले ही दिन हुए जिसमें ट्रंप ने पुतिन को 50 दिन के भीतर युद्ध रोकने का अल्टीमेटम दिया था, अन्यथा 100 प्रतिशत सेकंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी गई थी। खारकीव शहर में मात्र 20 मिनट में 17 विस्फोट दर्ज किए गए। वहां के एक औद्योगिक परिसर पर शहीद ड्रोन से हमला हुआ जिसमें आग लग गई और तीन लोग घायल हो गए। 13 जुलाई को जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने केवल एक सप्ताह में 1,800 से ज्यादा ड्रोन, 1,200 ग्लाइड बम और 83 मिसाइलें दागी हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 17 जुलाई 2025