मुंबई, (ईएमएस)। हर साल गणेशोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में बप्पा के भक्तों द्वारा कृत्रिम और प्लास्टिक के फूलों से सजावट की जाती हैं। हालाँकि यह सजावट का विकल्प अब लंबे समय तक नहीं चल सकता। यानि उन्हें गणपति सजावट के लिए नया विकल्प ढूंढना होगा, क्योंकि फलोत्पादन मंत्री भरत गोगावले ने खुद विधानसभा में घोषणा की है कि महाराष्ट्र में कृत्रिम और प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। दरअसल राज्य में फूल उत्पादकों के लाभ के लिए प्लास्टिक और कृत्रिम फूलों पर प्रतिबंध की घोषणा की गई है। महेश शिंदे ने राज्य में कृत्रिम और प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्लास्टिक के फूलों के अत्यधिक उपयोग से सभी प्रकार के असली फूलों का बाजार प्रभावित हुआ है और इससे फूल किसानों पर भारी वित्तीय असर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार को कुछ उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि हाल के दिनों में अधिकांश कार्यक्रमों, समारोहों, शादियों, मंदिरों और त्योहारों में बड़े पैमाने पर कृत्रिम प्लास्टिक के फूलों का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे फूलों के इस्तेमाल से फसल उगाने वाले करीब 20 से 25 फीसदी किसान संकट में आ गए हैं और उनका करीब 2.5 से 3 हजार करोड़ रुपये का कारोबार संकट में पड़ गया है। इसके चलते किसानों पर बोझ बने कृत्रिम फूलों की बिक्री रोकने की मांग जोर पकड़ रही थी। - व्यापार पर भी पड़ता है इसका असर प्लास्टिक के फूलों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की गई, जिसमें कहा गया कि कृत्रिम फूलों के उपयोग से यदि फूलों की खेती संकट में है, तो इसका शहद उत्पादन पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा। इसी आधार पर शुक्रवार को मुंबई के आजाद मैदान में फूल किसानों का मार्च निकाला गया। इसके मद्देनजर मंत्री गोगावले ने सदन को बताया कि कृत्रिम और प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई बैठक में लिया गया था। इस बीच, आधिकारिक तौर पर यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रतिबंध के संबंध में सरकारी निर्णय जल्द ही जारी किया जाएगा। स्वेता/संतोष झा- १७ जुलाई/२०२५/ईएमएस