* अटलजी का जीवन देश को सुशासन की ओर जोड़ने वाली एक अमूल्य कड़ी है: डॉ. सौम्य कांति घोष गांधीनगर (ईएमएस)| पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर ARTD-GAD SPIPA, गांधीनगर द्वारा और द सेक्रेटेरिएट के सहयोग से आयोजित - सुशासन को ध्यान में रखते हुए ‘अटल व्याख्यान श्रृंखला’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य डॉ. सौम्या कांति घोष और राज्य के मुख्य सचिव पंकज जोशी ने किया। इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव पंकज जोशी ने प्रासंगिक संबोधन देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 में स्पीपा के माध्यम से देश एवं राज्य के प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से ‘‘अटल संस्कार व्याख्यानमाला’’ आयोजित करने का निर्णय लिया था। जिसमें देश-प्रदेश के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ भाग लेंगे और सुशासन एवं राष्ट्रीय नीतियों से जुड़े मुद्दों पर व्याख्यान देंगे। इसी कड़ी में अटल व्याख्यानमाला का पहला व्याख्यान स्पीपा, गांधीनगर से शुरू हुआ। उन्होंने आगे कहा कि अटल व्याख्यान श्रृंखला केवल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती का उत्सव नहीं है, बल्कि एक ऐसे जीवन का उत्सव है जो पूरी तरह से राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित था। अटल जी के सुशासन के परिणामस्वरूप ही 25 दिसंबर को पूरे भारत में सुशासन दिवस मनाया जा रहा है। जोशी ने आगे कहा कि अटल व्याख्यानमाला केवल अटल जी के विचारों और मूल्यों को याद करने का माध्यम नहीं है, लेकिन एक नई दिशा है जो देश के छात्रों, युवाओं और नागरिकों को प्रेरित कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी के जीवन में लोकतंत्र, विकास और विदेश नीति जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। यह मंच इन सभी विषयों पर चर्चा और मंथन का एक महत्वपूर्ण अवसर है। मुख्य सचिव ने आगे कहा कि ‘अटल व्याख्यान श्रृंखला’ अटलजी के दृष्टिकोण को गहराई से समझने में मदद करेगी और प्रधानमंत्री की भावना को और मजबूत करेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक सुधारों में श्री वाजपेयी जी के योगदान को याद किया। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उनके समय के भारत और उनके द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि अटल जी का जीवन देश को सुशासन की ओर जोड़ने वाली एक अमूल्य कड़ी है, जिसके तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, दूरसंचार उद्योग में क्रांति, बिजली क्षेत्र में सुधार, निजीकरण, बीमा क्षेत्र में वृद्धि, पेंशन और परिवहन क्षेत्र में वृद्धि, देश का पूंजीगत व्यय, राजकोषीय नीति, ऑपरेशन शक्ति जैसे विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला और देश के विकास से जुड़ी सांख्यिकीय जानकारी दी। उन्होंने विकसित भारत में टिकाऊ कृषि बाज़ारों के अमूल्य योगदान से भी सभी को अवगत कराया। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत रत्न, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर गुजरात सरकार पूरे वर्ष सुशासन से संबंधित विषयों पर अटल व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन कर रही है। इस व्याख्यान श्रृंखला का पहला व्याख्यान 16 जुलाई को एसपीआईपीए परिसर, गांधीनगर में आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय रूप से घोष ने भारत में प्रमुख आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, साथ ही उन्होंने एक अग्रणी अध्ययन के सह-लेखन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें भारत में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार के वेतन संबंधी आंकड़े एकत्र किए गए थे। जिसके कारण ईपीएफओ और ईएसआईसी द्वारा मासिक पेरोल डेटा जारी किया गया। डॉ. घोष ने कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम-किसान योजना और एमएसएमई के साथ-साथ किसानों के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सतीश/17 जुलाई