22-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। घी, सूजी, चीनी और पानी या दूध के मिश्रण से बनने वाला सूजी का हलवा न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि ऊर्जा देने वाला भी माना जाता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह सेहत के लिए उतना ही अच्छा है, जितना स्वाद के लिए? विशेषज्ञों की मानें तो सूजी यानी रवा गेहूं से बनती है और इसमें आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा देने में मदद करती है, खासकर सुबह के नाश्ते में इसका सेवन दिनभर की थकान को दूर कर सकता है। सूजी का हलवा विशेष रूप से इंस्टेंट एनर्जी देने के लिए जाना जाता है। इसलिए व्रत या कमजोरी की स्थिति में यह एक कारगर विकल्प माना जाता है। बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग भी सीमित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इस हलवे में घी और चीनी का इस्तेमाल इसे स्वादिष्ट तो बनाता है लेकिन इसकी कैलोरी और फैट मात्रा बढ़ा देता है। अधिक सेवन करने से यह वजन बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल को असंतुलित करने का कारण बन सकता है। डायबिटीज के मरीजों और वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों को इसे बहुत कम मात्रा में या सीमित तौर पर ही लेना चाहिए। रात में इसका सेवन भी टालना बेहतर है, क्योंकि यह भारी होता है और पाचन में समय लेता है। यदि आप इस पारंपरिक मिठाई को हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो इसमें घी और चीनी की मात्रा कम करें, चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग करें और ड्राय फ्रूट्स मिलाकर इसका पोषण बढ़ाएं। दूध की जगह पानी का इस्तेमाल करके भी इसे हल्का बनाया जा सकता है। हफ्ते में एक-दो बार सीमित मात्रा में लिया गया सूजी का हलवा न केवल स्वाद की संतुष्टि देता है, बल्कि शरीर को जरूरी ऊर्जा भी प्रदान करता है। बस जरूरत है इसे संतुलित तरीके से और समझदारी से खाने की। बता दें कि सूजी का हलवा भारत की पारंपरिक मिठाइयों में से एक है, जिसे पूजा-पाठ, त्योहारों और खास मौकों पर बड़े चाव से बनाया और खाया जाता है। इसकी लोकप्रियता का कारण है इसका आसान बनना और बेहतरीन स्वाद। सुदामा/ईएमएस 22 जुलाई 2025