राज्य
26-Jul-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में 14,298 पुरुषों ने लाडली बहन योजना का लाभ उठाया है। इन लाडले पुरुषों को दस महीने तक 21.44 करोड़ रुपये भी बांटे गए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। बताया गया है कि योजना के लाभार्थियों की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ। योजना का लाभ अगस्त 2024 से मिलना शुरू हुआ। लाभार्थियों की सूची में 14,298 पुरुष भी शामिल थे। इनका नाम किसने दर्ज किया, किसने जांच की और पुरुषों ने महिलाओं के लिए योजना को कैसे विफल किया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, ये सब अब सवाल खड़े कर रहे हैं। जब सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपलब्ध आंकड़ों की जाँच की गई, तो और भी गंभीर मामले सामने आए।आपको बता दें कि लाडली बहन योजना पर महाराष्ट्र सरकार को सालाना 42 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार ने यह योजना शुरू की थी। विधानसभा चुनावों में इससे महायुति को काफी फायदा हुआ। हालाँकि, इससे राज्य सरकार के विभिन्न विकास कार्य काफी हद तक प्रभावित हुए। - पुरुष होने के बावजूद महिलाओं के नाम एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 2 लाख 36 हज़ार 014 लाभार्थी ऐसे हैं जिनके नाम पुरुष होने और महिलाओं के नाम देकर लाभ लेने का संदेह है। सूत्रों ने बताया कि इनकी जाँच का काम अभी चल रहा है। यह पता चलने के बाद कि 14,298 पुरुष इस योजना का लाभ ले रहे थे, उनका 1500 रुपये का मासिक मानदेय रोक दिया गया है। क्या सरकार इन पुरुषों को दी गई राशि वापस लेगी, जबकि वे पूरी तरह से अपात्र थे? अब यह सवाल भी उठ रहा है। - लाखों वरिष्ठ नागरिक महिलाओं ने भी लिया लाभ नियम है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। क्योंकि उन्हें राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का वित्तीय लाभ दिया जाता है। इसके बावजूद, यह देखा गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के 2 लाख 87 हज़ार 803 वरिष्ठ नागरिकों ने इस योजना का लाभ उठाया है। उन्हें 10 महीनों तक उनके बैंक खातों में 431 करोड़ 70 लाख रुपये मिले। अब इन लाभार्थियों को फ़िल्टर किया जाएगा, जिससे सरकार को सालाना 518 करोड़ रुपये की बचत होगी। - 8 लाख परिवारों की 2 से ज़्यादा महिलाओं को लाभ हालांकि नियम है कि एक परिवार की दो से ज़्यादा महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा, लेकिन 7 लाख 97 हज़ार 751 ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ एक ही परिवार की दो से ज़्यादा महिलाओं ने इसका लाभ लिया है। ऐसे मामलों में महिलाओं को लाभार्थियों की सूची से बाहर करने का फ़ैसला अभी नहीं लिया गया है। लेकिन उन्हें अब तक 1,196 करोड़ 62 लाख रुपये मिल चुके हैं। स्वेता/संतोष झा- २६ जुलाई/२०२५/ईएमएस