राज्य
28-Jul-2025
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- सीएम हाउस के घेराव को निकले ओबीसी कार्यकर्ताओं को रंगमहल टॉकीज पर पुलिस ने रोका भोपाल (ईएमएस)। 27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर ओबीसी महासभा का उग्र प्रदर्शन सोमवार को राजधानी में हुआ। कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रंगमहल टॉकीज के पास ही रोक दिया। इस दौरान तेज बारिश होती रही, लेकिन ओबीसी कार्यकर्ता सडक़ों पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। प्रदर्शनकारी जवाहर चौक से नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़े, लेकिन रंगमहल टॉकीज के पास भारी पुलिस बल ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक लिया। यहां महासभा के पदाधिकारियों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। बारिश में भीगते हुए भी ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ। सैकड़ों कार्यकर्ता सडक़ों पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार हल्की धक्का-मुक्की की स्थिति भी बनी। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता उमंग सिंगार भी पहुंचे और ओबीसी महासभा की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पिछड़े वर्ग के हक को लगातार नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस इस लड़ाई में ओबीसी वर्ग के साथ खड़ी है। महासभा ने तीन प्रमुख मांगें रखीं ओबीसी महासभा ने तीन प्रमुख मांगे रखी है। शासकीय नौकरी में होल्ड किए गए 13 प्रतिशत आरक्षण को तत्काल अनहोल्ड कर 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार नियुक्तियां की जाए। शासकीय सेवा में पदोन्नति में आरक्षण लागू किया जाए। जातिगत जनगणना कराई जाए, जनसंख्या आंकड़े सार्वजनिक हों और जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए। आधे से ज्यादा आबादी ओबीसी, उस अनुपात में भागीदारी नहीं महासभा का आरोप है कि प्रदेश की आधे से ज्यादा आबादी ओबीसी वर्ग की होने के बावजूद सरकारी नौकरी, प्रशासन, पुलिस, शासन और निजी क्षेत्र तक में उनकी भागीदारी नहीं है। महासभा के नेताओं ने कहा कि 90 के दशक में 27 फीसदी आरक्षण लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक मध्यप्रदेश में यह पूर्ण रूप से लागू नहीं हो सका। एड. धर्मेंद्र कुशवाह ने कहा कि वर्तमान में सरकार ने 13 फीसदी ओबीसी आरक्षण होल्ड कर रखा है, जिससे कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। यह न सिर्फ संविधान की भावना के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक न्याय का खुला उल्लंघन भी है। सरकार रोजगार के वादे कर सत्ता में आई थी, लेकिन अब बेरोजगारी को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर महासभा ने प्रदर्शन कर सरकार को चेताया था कि यदि होल्ड वापस नहीं लिया गया तो बड़ा आंदोलन होगा। संविधान विरोधी मानसिकता के खिलाफ लड़ाई प्रवक्ता एड. विश्वजीत रतौनिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, इसके बावजूद सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाया। यह सरकार की संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। हम इस मानसिकता के खिलाफ अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष राकेश लोधी ने सवाल उठाया कि सरकार ने 7 फीसदी अपर कास्ट को 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे दिया, लेकिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लागू करने से पीछे क्यों हट रही है। सरकार को तत्काल प्रभाव से यह आरक्षण देना चाहिए। विनोद/ 28 जुलाई 25