- घर में खाने को नहीं, सरकारी राशन पर निर्भर - विधायक संजय पाठक पर निशाना भोपाल (ईएमएस)। पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक संजय पाठक पर सहारा की जमीनों के बाद अब आदिवासियों की जमीन हड़पने का नया मामला सामने आया है। संजय पाठक और उनके परिवार के सदस्य माईनिंग का काम बड़े पैमाने पर करते हैं। विभिन्न राज्यों और विदेश में भी उत्पादित खनिज का निर्यात करते हैं । मध्य प्रदेश के कटनी, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, सिवनी इत्यादि जिलों में संजय पाठक की पारिवारिक कंपनियों द्वारा खनन का कार्य किया जाता है। दिव्यांशु मिश्रा नामक युवक ने कटनी पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत की है। जिसमें कहा गया है, 1111 एकड़ जमीन आदिवासियों के नाम पर संजय पाठक द्वारा धोखाधड़ी करके खरीदी गई है।यह जमीन अवैध तरीके से माईनिंग के लिए खरीदी गई है। जिन आदिवासियों के नाम पर संजय पाठक और उनके परिवार के लोगों ने जमीने खरीदी हैं। वह सभी उनके कर्मचारी हैं। शिकायत में चार आदिवासी कर्मचारी नत्थू कोल, पहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड के नाम पर सैकड़ो एकड़ जमीने संजय पाठक द्वारा खरीदी गई हैं। यह चारों आदिवासी गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन करते हैं। इनका परिवार मनरेगा में मजदूरी करता है। उनके नाम पर सैकड़ो एकड़ जमीन खरीदी गई हैं। डिंडोरी जिले के रघुराज गौड़ के नाम पर 410 एकड़ जमीन खरीदने की शिकायत की गई है। इसकी जमीन कई जिलों में स्थित है। 369.70 एकड़ जमीन नत्थू कोल के नाम पर खरीदी गई है।इसकी जमीन डिंडोरी, उमरिया, जबलपुर, कटनी और सिवनी जिले में है। 199.40 एकड़ जमीन के मालिक पहलाद कोल हैं। उनकी जमीन डिंडोरी, कटनी और जबलपुर जिले में स्थित है। इसी तरह से 132.88 एकड़ जमीन राकेश गोंड के नाम पर दर्ज है। यह जमीन भी डिंडोरी,उमरिया, कटनी, सिवनी जिले में स्थित है। इन जमीनों में बॉक्साइट खनिज की उपलब्धता है। आदिवासियों के नाम पर धोखाधड़ी करके 2009 से लेकर अभी तक जमीनों को खरीदने का दावा किया गया है। आदिवासियों की जमीन आदिवासी ही खरीद सकता है। इसको देखते हुए शिकायतकर्ता ने संजय पाठक पर आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पद और पैसों का उपयोग करते हुए गरीबों के नाम पर धोखाधड़ी की है। यह शिकायत पुलिस अधीक्षक कटनी को की गई है। आदिवासियों की जमीन कम दामों पर धोखाधड़ी करके खरीदी गई है। पुलिस अधीक्षक ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है। शिकायत कई जिलों से जुड़ी हुई है। ऐसी स्थिति में इसकी जांच कोई ऐसी एजेंसी करेगी, जो सभी जिलों में जाकर आरोपों की जांच कर सके। बहरहाल जिस तरह से विधायक संजय पाठक के खिलाफ सहारा की जमीनों के बाद आदिवासियों के नाम पर जमीन खरीदने के मामले की शिकायत की गई है। उसके बाद से संजय पाठक की मुसीबतें लगातार बढ़ती चली जा रही हैं। यह मामला राजनीतिक रूप से तूल पकड़ रहा है। वहीं सहारा की जमीनों को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण और सुप्रीम कोर्ट से भी जांच करने के आदेश होने के कारण संजय पाठक की मुसीबतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। एसजे/ 28 जुलाई 25