लेख
30-Jul-2025
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एक दौर था जब भाजपा के पास प्रचंड बहुमत होता था, तब मोदी सरकार संसद को अपने तरीके से चलाती थी, लेकिन जब से मोदी सरकार समर्थन के दम पर संसद में टिकी हुई है, तब से न सवाल करते बन रहे न जवाब देते। ज़रूरी मुद्दों पर अधिकांश सरकार का रवैय्या निराशाजनक रहा है। देश के अहम मुद्दों पर जब भी संसद में चर्चा हुई है अधिकांश पीएम मोदी सदन से नदारद रहे हैं। सबसे ज़्यादा गजब तब हो गया जब पहलगाम हमले एवं ऑपरेशन सिंदूर के बाद संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर निकल गए, जब ज़रूरी मुद्दों पर चर्चा हो रही हो तब प्रधानमंत्री गायब क्यों हो जाते हैं? ये सवाल हैं। विपक्ष अगर आरोप लगा रहा है तो ऐसे मुद्दों पर पीएम मोदी को अपना पक्ष रखना चाहिए एवं बहस में अपनी भागीदारी रखनी चाहिए। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हुई।। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सफल बताया। वहीँ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी के कश्मीर न जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम पर भी प्रश्न पूछे।।। गौरव गोगोई जब बोल रहे थे तब पूरी सरकार से जवाब देते नहीं बन रहे थे।। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गोलमोल जवाब देते रहे।।। कोई भी जवाब संतुष्टि लायक नहीं था। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने को लेकर भी प्रश्न पूछा। कि राजनाथ सिंह जी ने बहुत सारी जानकारी दी, लेकिन रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने कभी यह उल्लेख नहीं किया कि कैसे पाकिस्तान से आतंकवादी पहलगाम पहुंचे और 26 लोगों को मार डाला।।। राष्ट्र के हित में ये सवाल पूछना हमारा कर्तव्य है, लेकिन राष्ट्रहित में सरकार जवाब देने से क्यों भाग रही है? ये सही है जब पहलगाम में हमला हुआ तब ऐसी दहशत लोगों ने झेली कि लोग हमारे देश के सैनिकों पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे थे। जबकि एक घण्टे तक वहाँ कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची।।।इतनी बड़ी कुव्यवस्था ज़रूर बड़ा प्रश्न चिन्ह है। गौरव गोगोई ने बहुत ही वाज़िब सवाल पूछे हैं, लेकिन सरकार जवाब नहीं दे पाई। गौरव गोगोई ने आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी के पहलगाम नहीं जाने पर सवाल उठाए। गोगोई ने कहा कि देश के मुखिया पहलगाम नहीं गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले के बाद पहलगाम नहीं जाकर चुनावी भाषण देने के लिए बिहार पहुंच गए। पीएम ने बिहार में जाकर चुनावी भाषण दिया। गौरव गोगोई का कहना सही है पीएम मोदी का गैर जिम्मेदाराना रवैय्या हमेशा ही देश को भारी पड़ा है।। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर हमेशा पीएम ने निराश किया है। ये सत्य है जब पूरा देश और विपक्ष, प्रधानमंत्री मोदी एवं देश की सेना के साथ था। पूरा विपक्ष सरकार का समर्थन कर रहा था, 10 मई को सुबह कहा गया कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा, अचानक, 10 मई शाम को देश को पता चला कि युद्धविराम हो गया है।।। सरकार को जवाब देना चाहिए लेकिन पीएम मोदी तो सदन आते ही नहीं फिर सवाल कौन देगा? मंत्री तो खुद भी नपा तुला जवाब दे रहे थे। सरकार का नैतिक उत्तरदायित्व क्या होता है, सरकार को दिखाना चाहिए। इस बार तो सरकार ये भी आरोप नहीं लगा सकती कि विपक्ष ने सरकार का साथ नहीं दिया।। पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहता था और अभी भी जानना चाहता है कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप क्यों रुके? पाकिस्तान को सबक क्यों नहीं सिखाया गया। भारत कभी भी किसी देश की सीमा में नहीं जाता हमारी नीति शांति की रही है, लेकिन जब किसी ने भारत को क्षति पहुंचाने की कोशिश की है भारत ने हमेशा मुँहतोड़ जवाब दिया है तो इस बार सरकार क्यों पीछे हट गई, बहुतेरे सवाल उठ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर किया। ये कब से होने लगा कि भारत की विदेश नीति अमेरिका तय करने लगा, राष्ट्रपति ट्रम्प बार - बार भारत के आंतरिक मामले को वैश्विक मंचों पर उछाल रहे हैं। पीएम मोदी को मुँहतोड़ जवाब देना चाहिए था लेकिन पीएम मोदी ने चुप्पी ओढ़ रखी है, ये देश के लिए अच्छा नहीं है, इससे देश के लोगों में एक हताशा बढ़ती है। पूरा देश जानना चाहता है कि राष्ट्रपति ट्रम्प बार - बार लड़ाकू विमानो के गिरने की बात क्यों कर रहे हैं। हमारे कितने लड़ाकू विमान गिराए गए। पूरा देश ट्रम्प की बातेँ सुनकर स्तब्ध है पीएम को इस पर अपना पक्ष रखना चाहिए लेकिन पीएम मोदी तो जरूरी मुद्दों पर चर्चा के समय विदेशी दौरों पर चले जाते हैं, जवाब कौन दे? पूरा देश इन सवालों के जवाब जानना चाहता है और पीएम मोदी के ज़रिए पूरा देश कहना चाहता है कि भारत की विदेश नीति अमेरिका से तय नहीं होती, मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए, लेकिन ये चुप्पी देश को महँगी पड़ रही है। ईएमएस/ 30 जुलाई 25