भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी अमेरिका ने भारत को दी । डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा की है, इस समझौते का उद्देश्य पाकिस्तान के तेल भंडार का विकास करना है।दरअसल अमेरिका चाहता है भरी संसद में माननीय प्रधान मंत्री का अपमान करना और अमेरिका के राष्ट्रपति के सुर में सुर मिलाना लेकिन उसे मालूम नहीं है कि भारत 140 करोड़ लोगों का एक लोकतान्त्रिक देश है बार बार भारतीय का अपमान करना सही नहीं है भारत ने स्व अटलजी के नेतृत्व में उसके लाख मना करने ख़ुफ़िया सेटेलाइट लगाने के बाद भी भारतीय वैज्ञानिकों ने मई 1998 में परमाणु परीक्षण भी कर लिया अगर उस समय नहीं कर पाता तो बाद में होना बहुत मुश्किल है आप देख रहें हैं ईरान के परमाणु बम को बनाने को लेकर उसने उसके तीन परमाणु सयंत्र को नस्ट कर दिया भारत का उस समय सी टी वी टी समझौता का भारी दबाब था लेकिन उसके बाद अमेरिका के आर्थिक प्रतिबन्ध से भारतीय बाजार में रौनक थी और इसमें अमेरिका को काफी नुकसान हुआ लेकिन ऐ देशहित में लिया गया बिलकुल सही फैसला था अगर नहीं होता तो क़ोई भी बाहरी या परोसी दुश्मन देश लड़ाई के लिए मजबूर करता तो उसकी चाल उसी दिन समझ गया जब अमेरिका में रोजी रोटी कमाने वाले भारतीय प्रवासी को कार्गो प्लेन से हथकारी लगाकर गुरु के पवित्र स्थान अमृतसर में भेजा गया और फिर अमेरिका में भारतीय को नौकरी ना देने के लिए कंपनी को कहा टैलेंट है भारतीय में तभी टिके हैं जो बंकर ब्लस्टर बम की बात ईरान के परमाणु सयंत्र को नस्ट किया था वो भारतीय वैज्ञानि की दि गई टेक्नोलॉजी थी जिसे वहाँ टेक्नोलॉजी दूसरे देश को देने के बहाने कैद किया गया है भारत की एक अलग पहचान है जीएम फ़ूड और मांसाहारी दूध अपने पास रखो भारत एक कृषि प्रधान देश है अतः उनकी रोजी रोटी को लात नहीं मारना है भारत के लोग मेहनती और बहादुर हैं जो अंग्रेजी हुकूमत के दाँत खट्टे कर दिए और आजाद हुआ हमें नहीं करना क़ोई व्यापार भारत माँ भारती के स्वाभिमान के लिए सेना के पराक्रम के निचे हमेशा झुकेगा क्योंकि देश के प्रति बलिदान होते हैं लेकिन अन्य किसी देश की उसकी वीरता को मिट्टी में नहीं मिलने देगा अमेरिका उसी पराक्रम को मिट्टी में मिलाने की साजिश पाकिस्तान की दोस्ती के बहाने कर रहा है भारत एक परमाणु संपन्न देश है अतः भारत अपने किसी भी सीमा में आतंकवादी गतिविधियों को देश पर हमला मानेगा और कभी उसे बर्दास्त नहीं करेगा ऐ प्रधानमंत्री खुद खुले दिल से राष्ट्र के नाम संदेश में कहा है सीजफ़ायर के बीच में जम्मू काश्मीर का मुद्दा भी लाना बिल्कुल बेतुका बयान था अतः प्रधानमंत्री ने ऐ भी साफ संदेश दिया कि बात होगी तो सिर्फ पीओके पर, अब अमेरिका क्या कर सकता है पाकिस्तान के जिस आतंकवादी संघठन को एफटीए के लिस्ट में शामिल किया है उसे झूठमुठ बहाना बनाकर उसे भारत के खिलाफ लड़ने के लिए फाइटर जेट देगा और दुनिया को ऐ कहेगा कि हमने पाकिस्तान को उसके आतंकवादी को मारने के लिए दिया है देखिए इसमें क़ोई ना क़ोई भारत का भेद अमेरिका को दे रहा है ताकि भारत को कमजोर करने दें और नेताओं को घबराहट में ट्रम्प से झुकने के लिए प्रेरित करें अगर ऐसा नहीं था तो विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने ऑपरेशन सिंदूर और टैरिफ पर मजा लिया और जब मालेगॉव बम ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा और अन्य निर्दोष नागरि को हिन्दू आतंकी बताया था उस पर मौन रहें जबकी किसी नारी का इतने दिनों तक शोषण होता रहा और सेना के अधिकारी को भी इसमें शामिल किया गया जो एक साजिश थी क्योंकि वो उस संघठन से जुड़े थे जिसकी स्थापना वीर सावरकर ने की थी और कांग्रेस का हमेशा से देशभक्त वीर सावरकर के प्रति गलत मानसिकता रही है अभिनव भारत सोसाइटी। अभिनव भारत सोसाइटी (यंग इंडिया सोसाइटी) एक भारतीय स्वतंत्रता गुप्त संस्था थी जिसकी स्थापना विनायक दामोदर सावरकर और उनके भाई गणेश दामोदर सावरकर ने 1904 में की थी।महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी शामिल थे। पीड़ितों के वकील शाहिद नवीन अंसारी ने कहा- हम एनआईए कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। इस मामले में जांच एजेंसियां और सरकार फेल हुई है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दबाव बनाने की रणनीति के तहत पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा की है, साथ ही भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी देते हुए कहा है कि वाशिंगटन, इस्लामाबाद को उसके विशाल तेल भंडार विकसित करने में मदद करेगा।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच हुए ऐतिहासिक व्यापार समझौते के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवा दिया लेकिन खुद को मुस्लिम देश बताने वाला पाकिस्तान अब ईरान को क्या जबाब देगा जिसने ईरान के तीनों परमाणु सयंत्र को नस्ट कर दिया । एक सोशल मीडिया पोस्ट में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने आश्चर्य जताया कि क्या पाकिस्तान किसी दिन भारत को तेल बेच सकता है।डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडारों के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच हुए ऐतिहासिक व्यापार समझौते के लिए डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवा दिया और उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा।भारत कौन सा देश है मालूम नहीं है तो पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटलजी की कविता सुन लें एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते,पर स्वतन्त्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा,तुम्हे मुफ़्त में मिली न कीमत गयी चुकाई,अंग्रेजों के बल पर दो टुकड़े पाये हैं,माँ को खंडित करते तुमको लाज ना आई?अमरीकी शस्त्रों से अपनी आजादी को,दुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो,दस बीस अरब डालर लेकर आने वाली बरबादी से बच लोगे ऐ मत समझो, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, यह ऐतिहासिक समझौता हमारे बढ़ते सहयोग को बढ़ाएगा ताकि आने वाले दिनों में हमारी स्थायी साझेदारी की सीमाओं का विस्तार हो सके।। ट्रम्प ने भारत को मज़ाक उड़ाते हुए कहा कौन जाने, हो सकता है कि वे किसी दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचें! ट्रंप ने कहा।इसके साफ मायने हैं मैने कहा सीजफाएर हमने कराया वो संसद में कहें ताकि शांति का नोबेल पुरस्कार मिल सके और इधर अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता भी किया जिसे इतिहासिक कदम बताया जा रहा है ट्रम्प ने कहा लंबे समय से अपने तट पर बड़े तेल भंडार होने का दावा करता रहा है, लेकिन इन भंडारों का दोहन करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। वह इन भंडारों का दोहन करने के लिए निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।वहाँ जमीन के अंदर से तेल नहीं आतंकवादी के क़ब्र मिलेंगे जिसे भारत के वीर सेनानियों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया था पाकिस्तान वर्तमान में अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मध्य पूर्व से तेल आयात करता है। डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के ज़रिए भारत पर फिर निशाना साधा: वे मिलकर अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को गिरा सकते हैं रूस भारत का एक जिगरी दोस्त है और दोस्ती में बफादार होना जरुरी है भारत क्या कर रहा है किससे क्या ले रहा है ऐ आंतरिक मामला है इसमें दखल देना ठीक नहीं है पाकिस्तान के अनुसार, यह समझौता पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगज़ेब, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर के बीच वाशिंगटन डीसी में हुई एक बैठक के दौरान हुआ।रिपोर्ट में कहा गया है कि इस व्यापार समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, बाज़ार पहुँच का विस्तार करना, निवेश आकर्षित करना और आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। हमारा राष्ट्रीय हित इस समझौते के परिणामस्वरूप, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को पाकिस्तानी निर्यात पर पारस्परिक टैरिफ में कमी आएगी क्योंकि वो उसके हाँ में हाँ मिला रहा है । यह समझौता आर्थिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, विशेष रूप से ऊर्जा, खनन और खनिज, आईटी, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य क्षेत्रों में।अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार समझौते को दरअसल नई दिल्ली पर अमेरिका की मांगों को मनवाने के लिए दबाव बनाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हाल के दिनों में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अनुकूल व्यापार समझौते किए हैं।यह घोषणा ट्रंप द्वारा भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूसी सैन्य उपकरणों और ऊर्जा की खरीद पर एक अतिरिक्त अनिर्दिष्ट दंड की घोषणा के कुछ घंटों बाद आई।एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों को बेहद कठोर और अप्रिय बताया।ट्रंप ने कहा, सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को पहली अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ और उपरोक्त शुल् के लिए जुर्माना देना होगा।दिन के दौरान, उन्होंने भारत द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ के बारे में कई बार बात की और ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समूह में भारत की सदस्यता का ज़िक्र किया, जिसे उन्होंने अमेरिका-विरोधी बताया।जो भारत ने ब्रिक सम्मेलन में जाने से हुआ भारत के साथ बातचीत पर एक सवाल के जवाब में, ट्रंप ने कहा कि वाशिंगटन दिल्ली से बात कर रहा है। उन्होंने कहा, ...हम देखेंगे, हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं, और भारत के टैरिफ को दुनिया के सबसे ज़्यादा टैरिफ में से एक बताया।भारत ने कहा कि उसने द्विपक्षीय व्यापार पर ट्रंप के बयान पर ध्यान दिया है और सरकार इसके प्रभावों का अध्ययन कर रही है।बयान में कहा गया है, भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। हम इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। ईएमएस / 02 अगस्त 25