लंदन (ईएमएस)। हाल ही रूस के कमचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरी दुनिया का ध्यान एक बार फिर से रिंग ऑफ फायर की ओर खींचा है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की शहर से 136 किलोमीटर दूर स्थित था। इस शक्तिशाली भूकंप के तुरंत बाद जापान, अमेरिका के हवाई द्वीप और प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई तटीय इलाकों से लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कामचटका में समुद्र की लहरें 10 से 13 फीट तक ऊंची उठीं, जापान के होक्काइडो में 2.8 फीट और अलास्का के अल्यूशियन द्वीपों में 1.4 फीट ऊंची लहरें दर्ज की गईं। इस भूकंप के बाद 20 से अधिक देशों में सुनामी की आशंका जताई गई है और अफरा-तफरी का माहौल है। दरअसल, इन सभी देशों की एक खास भौगोलिक स्थिति है। ये रिंग ऑफ फायर नामक एक वलयाकार क्षेत्र में स्थित हैं, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है। रिंग ऑफ फायर, जिसे सर्कम-पैसिफिक बेल्ट भी कहा जाता है, दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्र है। यह क्षेत्र कई बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स जैसे कि प्रशांत प्लेट, नाजका प्लेट, फिलीपींस प्लेट और भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के बीच स्थित है। इन प्लेटों की सतत टकराहट की वजह से यहां बार-बार भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया के 90प्रतिशत भूकंप और 75 प्रतिशत सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में आते हैं। जापान का माउंट फुजी, इंडोनेशिया का क्रकटोआ, और अमेरिका का माउंट सेंट हेलेंस इसी क्षेत्र के हिस्से हैं। रिंग ऑफ फायर का आकार घोड़े की नाल जैसा है, जो दक्षिण अमेरिका के चिली से शुरू होकर पेरू, इक्वाडोर, कोस्टा रिका, मेक्सिको, अमेरिका, कनाडा, अलास्का, रूस, जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक फैला है। यहां अक्सर समुद्र के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल से समुद्र का तल हिलता है और जब यह हलचल तीव्र होती है, तो समुद्र में सुनामी की लहरें उठ जाती हैं। कमचटका का यह भूकंप भी ऐसी ही एक टेक्टोनिक टक्कर का नतीजा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि रिंग ऑफ फायर में किसी भी वक्त बड़े पैमाने पर भूगर्भीय हलचल हो सकती है, इसलिए इस क्षेत्र के देशों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। इस समय कमचटका से लेकर हवाई तक फैले कई देशों के तटवर्ती इलाकों में अलर्ट की स्थिति बनी हुई है। लोगों को समुद्र से दूर रहने और ऊंचाई वाली जगहों पर जाने की सलाह दी जा रही है। सुदामा/ईएमएस 03 अगस्त 2025