ज़रा हटके
14-Aug-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। यदि आपको मोबाइल फोन को पैंट की जेब में या लैपटॉप को गोद में रखने की आदत है तो संभल जाईये, ये आदत आपको भारी पड सकती है। ये आदत पुरुषों को नपुंसक या बांझ बना सकती है। कलकत्ता यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन द्वारा की गई इस अध्ययन में बताया गया है कि मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाला रेडिएशन स्पर्म की क्वालिटी और डीएनए को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर गंभीर असर पड़ता है। इस रिसर्च में 20 से 40 साल की उम्र के 1,200 पुरुषों पर स्टैटिस्टिकल, मॉलिक्यूलर और जेनेटिक विश्लेषण किया गया। इसके साथ ही उनकी जीवनशैली, खानपान, नशे की आदतें और ऑफिस के काम करने की स्थितियों की भी गहनता से जांच की गई। अध्ययन से पता चला कि जिन लोगों के मोबाइल पैंट की जेब में दिन में 5 घंटे से अधिक रहते हैं या जो लगातार लैपटॉप गोद में रखकर काम करते हैं, उनमें स्पर्म काउंट काफी कम पाया गया। 1,200 पुरुषों में से 708 को स्पर्म की पूरी तरह से कमी पाई गई, जबकि 640 पुरुषों का स्पर्म काउंट सामान्य था। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेडिएशन उन पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनमें कुछ खास जेनेटिक बदलाव पहले से मौजूद होते हैं, खासकर 30 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में। ऐसे लोगों में बांझपन का खतरा 10 गुना अधिक होता है। जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन स्पर्म में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाता है, जिससे फ्री रेडिकल्स सक्रिय हो जाते हैं और स्पर्म के डीएनए तथा झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं। स्पर्म की बनावट ऐसी होती है कि उसमें एंटीऑक्सीडेंट कम होते हैं और उसका रिपेयर सिस्टम बहुत कमजोर होता है, जिससे नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती। लैपटॉप को गोद में रखने से स्क्रोटम का तापमान बढ़ जाता है, जबकि स्पर्म बनने के लिए वहां का तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम होना चाहिए। इसी तरह मोबाइल के रेडिएशन से भी टेस्टीज प्रभावित होते हैं। सुदामा/ईएमएस 14 अगस्त 2025