वाशिंगटन (ईएमएस)। हाल ही में एक मामला सामने आया है, इस मामले ने चिकित्सा जगत को चौंका दिया है। एक 30 साल पुराने फ्रोज़न एम्ब्रियो (जमे हुए भ्रूण) से स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ है। यह घटना सच में किसी साइंस-फिक्शन फिल्म जैसी लगती है, लेकिन यह सच्चाई है। दरअसल जब किसी महिला और पुरुष के अंडाणु और शुक्राणु को आईवीएफ तकनीक से मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है, भविष्य में उपयोग के लिए जमा किया जा सकता है। ये भ्रूण -196 सेल्यिस तापमान पर संग्रहित किए जाते हैं। सामान्यत इन्हें 5-10 साल में उपयोग कर लिया जाता है, लेकिन अब तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि कई दशकों बाद भी भ्रूण जीवित रहता है। अमेरिका में एक कपल ने ओहायो निवासी लिंडसे और टिम पियर्स ने 1994 में जमा किए गए भ्रूण को अपनाया और आईवीएफ प्रक्रिया के ज़रिए उसे गर्भ में प्रत्यारोपित किया। इस भूण को लिंडसे के गर्भाशय में नवंबर 2024 में प्रत्यारोपित किया गया। 30 साल बाद, जब वह भ्रूण मां के गर्भ में पनपा, तब एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि यह सबसे लंबे समय तक संरक्षित भ्रूण से जन्म लेने वाला बच्चा है। दिलचस्प बात यह है कि बच्चे की जैविक बहन अब 30 साल की है और उसकी खुद की एक 10 वर्षीय बेटी भी है। 30 साल तक भ्रूण को सुरक्षित रखना और फिर सफलतापूर्वक जन्म दिलाना आईवीएफ और क्रायोप्रिजर्वेशन (भ्रूण को जमाकर रखने की तकनीक) की शानदार उपलब्धि है। यह मामला न सिर्फ एक चमत्कार है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मेडिकल साइंस ने भविष्य को बदलने की ताकत हासिल कर ली है। आशीष/ईएमएस 03 अगस्त 2025