मास्को (ईएमएस)। हाल ही में रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने दुनियाभर में चिंता की लहर दौड़ा दी। भूकंप आने के बाद न केवल कामचटका की सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, बल्कि इससे फ्रेंच पोलिनेशिया और चिली तक के लिए सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी। इससे पहले जापान के पूर्वी समुद्र तट को खाली कराने के आदेश दिए गए, क्योंकि यह इलाका 2011 की भयानक सुनामी का शिकार रह चुका है। हवाई के कुछ क्षेत्रों में भी सतर्कता बरतने को कहा गया है। फ्रेंच पोलिनेशिया के अधिकारियों ने चेताया कि मार्केसस द्वीपों में दो से ढाई मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिससे वहां के निवासियों को तुरंत ऊंचाई की ओर जाने की सलाह दी गई। सुनामी का सबसे बड़ा खतरा इसकी तेज रफ्तार में छिपा होता है। खुले समुद्र में इसकी गति 970 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो किसी जेट विमान की रफ्तार के बराबर मानी जाती है। इसी गति के कारण यह बहुत कम समय में हजारों किलोमीटर दूर तक पहुंच सकती है और तबाही मचा सकती है। सुनामी सामान्यतः समुद्र के भीतर किसी बड़े भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या समुद्र के नीचे चट्टानों के खिसकने से उत्पन्न होती है। कभी-कभी यह अंतरिक्ष से गिरे किसी बड़े उल्कापिंड या एस्टेरॉयड के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। जब समुद्र की सतह पर अचानक कोई बड़ा बदलाव होता है, तो ऊपर का पानी विस्थापित हो जाता है, जिससे शक्तिशाली लहरें उठती हैं जो तट की ओर तेजी से बढ़ती हैं। हर समुद्र के नीचे आया भूकंप सुनामी नहीं लाता, लेकिन यदि उसकी तीव्रता 6.75 रिक्टर स्केल से अधिक हो और वह उथले समुद्र तल के नीचे हो, तो सुनामी की आशंका बहुत प्रबल हो जाती है। सुनामी दरअसल समुद्री लहरों की एक श्रृंखला होती है, जिसे ‘वेव ट्रेन’ कहा जाता है। गहरे समुद्र में ये लहरें लंबाई में सैकड़ों किलोमीटर तक फैली होती हैं, लेकिन ऊंचाई बहुत कम होती है महज कुछ फीट। जैसे ही ये लहरें तटरेखा के पास के उथले पानी में पहुंचती हैं, इनकी गति घटने लगती है, लेकिन ऊंचाई और ऊर्जा तेजी से बढ़ने लगती है। पानी की ऊपरी परत निचली परत से तेज चलती है, जिससे लहरें ऊपर उठती हैं और पानी की विशाल दीवार बन जाती हैं। जब ये दीवार किनारे से टकराती है, तो समुद्र का पानी रफ्तार से भीतर की ओर घुसता है और पूरे तटीय क्षेत्र को जलमग्न कर देता है। सुनामी की लहरें अक्सर एक बार में नहीं आतीं, बल्कि क्रमश: कई लहरों का सिलसिला होता है, जिनमें दूसरी या तीसरी लहर पहली से ज्यादा विनाशकारी हो सकती है। यही कारण है कि चेतावनी मिलने के बाद कुछ समय तक लोगों को वापस तटीय इलाकों में नहीं लौटने दिया जाता। सुदामा/ईएमएस 04 अगस्त 2025