ज़रा हटके
05-Aug-2025
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टोक्यो (ईएमएस)। महिलाओं के शरीर की प्राकृतिक गंध, खासतौर पर बगल की गंध, पुरुषों के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर सीधा असर डालती है। यह दावा किया है टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने। इस रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पुरुष प्रतिभागियों को महिलाओं की कांख से लिए गए गंध के सैंपल सूंघने को दिए। इसके बाद उन्हें महिलाओं की तस्वीरें दिखाई गईं। नतीजा यह रहा कि जिन पुरुषों ने यह गंध सूंघी थी, उन्होंने महिलाओं को ज्यादा सुंदर और आकर्षक बताया। यही नहीं, उनकी लार में मौजूद तनाव संबंधी बायोमार्कर की मात्रा भी घट गई, जिससे साबित हुआ कि यह गंध उन्हें मानसिक रूप से शांत करती है। यह प्रभाव हर स्थिति में नहीं दिखा। वैज्ञानिकों ने पाया कि महिलाओं के मासिक धर्म चक्र के दौरान जब वे ओव्यूलेशन के चरण में होती हैं यानी जब उनकी प्रजनन क्षमता चरम पर होती है तब उनकी गंध पुरुषों को सबसे ज्यादा आकर्षक लगती है। इस दौरान शरीर से निकलने वाली कुछ खास रासायनिक यौगिकों की मात्रा बढ़ जाती है, जिनका पुरुषों पर गहरा असर होता है। इस शोध में तीन ऐसे रसायनों की पहचान की गई, जो ओव्यूलेशन के दौरान अधिक मात्रा में निकलते हैं। जब इन्हें प्रयोग के दौरान अलग से पुरुषों को सूंघाया गया, तो उन्होंने इन्हें बेहद सुखद बताया और उनके भावनात्मक रुख में भी सकारात्मक बदलाव देखा गया। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि ये रसायन मानव फेरोमोन हैं या नहीं। फेरोमोन ऐसे रासायनिक संकेत होते हैं, जिनका इस्तेमाल जानवरों की दुनिया में साथी चुनने और सामाजिक व्यवहार के लिए किया जाता है। रिसर्च को अंजाम देना भी आसान नहीं था। प्रमुख शोधकर्ता छात्रा नोजोमी ओगी ने बताया कि 20 से अधिक महिलाओं से सही समय पर गंध के नमूने लेना, उनका मासिक चक्र ट्रैक करना और तापमान जैसे संकेतों पर लगातार नज़र रखना एक जटिल और महीनों चलने वाली प्रक्रिया थी। वैज्ञानिकों की टीम अब इस अध्ययन को और व्यापक बनाना चाहती है। वे अलग-अलग पृष्ठभूमि और संस्कृतियों से लोगों को शामिल कर यह जानना चाहते हैं कि क्या आनुवंशिक कारणों से भी गंध के प्रति प्रतिक्रिया बदलती है। सुदामा/ईएमएस 05 अगस्त 2025