विधानसभा में पेश हुए चौंकाने वाले आंकड़े भोपाल (ईएमएस)। मप्र में शासन-प्रशासन की सख्ती के बावजुद आपराधिक गतिविधियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। विधानसभा में पेश आंकड़े चौंका रहे हैं। जिसके मुताबिक प्रदेश में हर दिन एक पुलिसकर्मी हमले का शिकार हो रहा है। वहीं इंदौर और भोपाल में क्राइम में मामले बढें हैं। साथ ही 6 साल में 54 हजार महिलाओं से रेप के मामले सामने आए हैं। वहीं मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने विधानसभा में बताया कि 2020 से लेकर अब तक प्रदेश में लव-जिहाद के 283 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। यानी प्रदेश में हर साल तकरीबन 57 लव जिहाद के मामले आ रहे हैं। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र की 73 किशोरियां लव-जिहाद की शिकार हुईं हैं। सर्वाधिक 55 प्रकरण इंदौर में दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल में 33। दरअसल, कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कानून व्यवस्था को लेकर विधानसभा में प्रश्न किया था। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि लव-जिहाद के प्रकरणों को रोकने के लिए मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 27 मार्च 2021 से लागू किया गया है। उन्होंने यह जानकारी विधायक आशीष गोविंद शर्मा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। बताया कि असुरक्षित बालिकाओं और महिलाओं को लक्ष्य बनाकर उनका शोषण करने एवं भय या दबाव पूर्वक मतांतरण करने की घटनाओं की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने चार मई 2025 को राज्य स्तरीय एसआइटी का गठन किया है। पीडि़तों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। लव जिहाद के सर्वाधिक प्रकरण मालवा निमाड़ अंचल के पुलिस थानों में दर्ज किए गए। पहले नंबर पर इंदौर है। यहां नगरीय क्षेत्र के पुलिस थानों में 55 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इंदौर ग्रामीण में 16, धार में 13, झाबुआ में तीन, खरगोन में 10, खंडवा में 12, बड़वानी में चार, बुरहानपुर में तीन, उज्जैन में 12, देवास में तीन, शाजापुर में आठ, आगर में पांच, मंदसौर में चार, रतलाम व नीमच में तीन-तीन, ग्वालियर में छह, गुना व अशोकनगर में तीन-तीन, भिंड में दो, जबलपुर में पांच, छिंदवाड़ा में चार, नरसिंहपुर में दो, सिवनी में सात, सागर में दो, दमोह में तीन, टीकमगढ़ में दो, छत्तरपुर में 11, रीवा में पांच, सतना में दो, मैहर में एक, शहडोल, अनूपपुर व नर्मदापुरम में दो-दो, हरदा में छह, बैतूले में पांच, रायसेन में एक, भोपाल नुमीय 33, सीहोर में आठ, राजगढ़ में पांच, बालाघाट में दो, विदिशा मंडला और डिंडौरी में एक-एक प्रकरण दर्ज हुए हैं। 6 साल में 54 हजार महिलाओं से रेप महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजधानी भोपाल आगे हैं। वहीं इंदौर में हत्या और चोरी के मामले भोपाल से दोगुना दर्ज हुए हैं। रेप के मामलों में सजा मिलने की दर एक चौथाई से कम हुई। 2018 से 2024 के बीच 54000 महिलाओं के साथ रेप हुए। 2018 में रेप के मामले में 12 फीसदी के करीब अपराध में सजा मिली। लेकिन साल 2024 में सजा की दर गिरकर लगभग 2.7 रह गई। मप्र में प्रतिदिन 20 महिलाओं से दुष्कर्म और 33 महिलाओं के अपहरण हो रहे हैं। इस साल जनवरी से जून 2025 तक दुष्कर्म के 3,742 मामले सामने आए। इनमें अनुसूचित जाति की महिलाएं 905, जनजाति 1143, पिछड़ा वर्ग की 1228 और सामान्य वर्ग की 466 थीं। इस अवधि में 120 सामूहिक दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन नादव ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। इसमें सामने आया है कि वर्ष 2024 में दुष्कर्म के प्रकरण में 2.79 प्रतिशत, सामूहिक दुष्कर्म में 1.63 प्रतिशत को ही सजा हो पाई, जबकि 2018 में क्रमश: 12.43 प्रतिशत तथा 16.25 प्रतिशत को सजा हुई थी। प्रदेश में वर्ष 2018 से लेकर 2024 तक सात वर्षों में 54, 067 महिलाओं से दुष्कर्म हुए। पीडि़ताओं में अनुसूचित जाति की 14,258, अनुसूचित जनजाति की 14,804, पिछड़ा वर्ग की 18,942 तथा सामान्य वर्ग 6,063 महिलाएं शामिल हैं। दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। 2018 में 7,136 मामले थे, जो 2024 में 20 प्रतिशत बढकऱ 8,518 हो गए। अपहरण के मामले 6,394 से बढकऱ 100,70 हो गए। यानी 53 प्रतिशत बढ़े। जनवरी से जून 2025 तक अपहरण के 5,868 प्रकरण दर्ज हुए। प्रताप ग्रेवाल ने यह भी पूछा था कि 2024-25 के वार्षिक प्रतिवेदन में 2024 मे दुष्कर्म के 5592 प्रकरण बताए गए थे, जबकि उत्तर में मुख्यमंत्री ने 8518 मामले बताए हैं जो 60 प्रतिशत अधिक है। इसके जवाब में कहा गया है कि पीडि़ता की बरामदगी होने पर बलात्संग की घटना पाए जाने पर अपहरण के प्रकरण बलात्संग के प्रकरण में परिवर्तित होते हैं, जिससे अपहरण एवं बलात्संग के प्रकरणों में कमी, वृद्धि होना एवं आंकड़ों में परिवर्तन होना संभव है। हर दिन एक पुलिसकर्मी पर हमला मप्र में सिर्फ आम इंसान ही नहीं बल्कि खाकी भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में जनवरी 2024 से 30 जून 2025 तक 612 पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं। 461 मामले पुलिस पर हमले के दर्ज किए गए। डेढ़ साल में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या हुई। विनोद/ 6 अगस्त /2025