मास्को (ईएमएस)। रूस के 130 छोटे शहर विलुप्त होने के कगार पर है। इन शहरों में करीब 34 लाख लोग रहते हैं। रूसी एकेडमी के रिसर्च के मुताबिक इन शहरों की आबादी पिछले 10 साल में 3 लाख कम हो गई है। खासकर कोयला, धातु और लकड़ी का काम करने वाले लोग तेजी से कम हो रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रायन्स्क, नोवगोरोड, किरोव और क्रास्नोयास्र्क जैसे इलाकों के शहर सबसे ज्यादा खतरे में हैं। अगर जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो ये शहर पूरी तरह खाली हो सकते हैं। इससे वहां रहने वालों को बुनियादी सुविधाएं, जैसे स्कूल, अस्पताल और नौकरी, मिलना मुश्किल हो जाएगा। शोधकर्ताओं ने मीडिया को बताया कि कारखानों का बंद होना और लोगों का बड़े शहरों की ओर जाना इन छोटे शहरों को खत्म कर रहा है। कई शहरों की आबादी तेजी से घट रही है। इन शहरों में नौकरियां कम हैं, और छोटे-मध्यम कारोबार भी बंद हो रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की आबादी कोविड-19 के बाद तेजी से कम हो रही है। राष्ट्रपति पुतिन ने जनसंख्या बढ़ाने को सबसे बड़ी जरूरत बताया था। साथ ही इसे लेकर कई कदम उठाए, जिनमें बच्चे पैदा करने के लिए माता-पिता को आर्थिक सहायता देना, पढ़ाई का खर्च उठाना शामिल है। विनोद/ ईएमएस / 06/08/2025