नई दिल्ली (ईएमएस)। सावरकर मानहानि केस में बुधवार को पुणे कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने दायर की गई अर्जी में जान को खतरा की बात कही थी। अर्जी सामने आते ही मामला सुर्खियों में आया। जिसके बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया सुनेत ने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए बताया कि राहुल गांधी की सहमति लिए बिना पुणे कोर्ट में अर्जी दायर कर दी गई थी। इस बात पर राहुल गांधी ने घोर अहसमति जताई है। कल उनके वकील इस लिखित बयान को वापस लेंगे। सुप्रिया सुनेत ने इस पोस्ट के साथ वकील की ओर से जारी प्रेस नोट को साझा किया। जिसमें यह लिखा है कि राहुल गांधी के वकील ने बिना उनसे बात किए या उनकी सहमति लिए अदालत में लिखित बयान दाखिल करके उनकी जान पर खतरे का हवाला दिया था। इस बात से राहुल की घोर असहमति है। इसलिए कल उनके वकील इस लिखित बयान को कोर्ट से वापस लेंगे। ज्ञात रहे कि कि बुधवार को पुणे की अदालत को दायर लिखित बयान में राहुल गांधी की जान को खतरा का दावा किया गया था। उस अर्जी में लिखा गया कि हाल के राजनीतिक संघर्षों और मानहानि मामले में शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर की वंशावली को देखते हुए उन्हें अपने जीवन पर खतरा है। उन्होंने मानहानि मामले की सुनवाई कर रही विशेष सांसद/विधायक अदालत से आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा और मामले की निष्पक्ष सुनवाई के संबंध में जो “गंभीर आशंकाएं” उन्होंने व्यक्त की हैं, उनका न्यायिक संज्ञान लिया जाए। गांधी ने राज्य से “निवारक सुरक्षा” की भी मांग की। अर्जी में कहा गया, “निवारक सुरक्षा न केवल समझदारी का कदम है बल्कि यह राज्य का संवैधानिक दायित्व भी है।” अधिवक्ता मिलिंद दत्तात्रय पवार के माध्यम से दायर अर्जी में कहा गया कि यह कदम मौजूदा कार्यवाही की निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता को सुरक्षित रखने के लिए एक “संरक्षात्मक और एहतियाती उपाय” है। सुबोध\१३\०८\२०२५