राष्ट्रीय
14-Aug-2025


-मदद कर रही संस्था के वकील ने की मामला स्थगित करने की मांग नई दिल्ली,(ईएमएस)। यमन में नर्स निमिषा प्रिया की जान को कोई खतरा नहीं है। गुरुवार को इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी गई। साथ ही निमिषा की मदद कर रही संस्था के वकील ने मामले को स्थगित करने की मांग की। कोर्ट ने सुनवाई आठ हफ्ते के लिए टाल दी है। यमन की कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा देने के लिए 16 जुलाई की तारीख तय की थी, लेकिन धर्मगुरुओं और सरकार ने यमन सरकार से बातचीत कर इसे सजा को टाल दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। वहीं सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल काउंसिल की तरफ से कोर्ट पहुंचे वकील ने मामले को स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बातचीत चल रही है। फिलहाल निमिषा को कोई खतरा नहीं है। कृपया इसे चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दें। उम्मीद है कि तब तक सब कुछ ठीक हो जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ अर्जेंट होता है, तो वह इस मामले को कोर्ट के सामने पेश करते। बीते महीने कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि निमिषा की सजा-ए-मौत को फिलहाल टाल दिया गया है। 18 जुलाई को केंद्र सरकार ने भी कोर्ट को बताया था कि निमिषा को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। बता दें केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली नर्स को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी ठहराया गया है। भारतीय नागरिक निमिषा को 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन धर्मगुरूओं और भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। निमिषा यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला है कि यमन में भारत की कोई राजनयिक मौजूदगी नहीं है और सऊदी अरब में भारतीय मिशन के राजनयिक इस मामले को देख रहे हैं। सिराज/ईएमएस 14अगस्त25