एनसीईआरटी मॉड्यूल में भ्रामक सामग्री के विरोध में एनएसयूआई का डीईओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन एनएसयूआई ने डीईओ कार्यालय के बाहर एनसीईआरटी मॉड्यूल की प्रतियां जलाईं, ज्ञापन सौंपा , आंदोलन की दी चेतावनी भोपाल (ईएमएस) । भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आज राजधानी भोपाल में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित नवीनतम मॉड्यूल/शैक्षणिक सामग्री में प्रस्तुत आपत्तिजनक और भ्रामक तथ्यों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी के सामने मॉड्यूल की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया और जिला शिक्षा अधिकारी को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा है । एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि एनसीईआरटी मॉड्यूल में भारत विभाजन (Partition of India) से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है। इसमें विभाजन की पूरी जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर थोपने का प्रयास किया गया है, जो कि ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत, पक्षपातपूर्ण और भ्रामक है भारत का विभाजन कई जटिल कारणों और परिस्थितियों की उपज था, इसे केवल एक राजनीतिक दल पर थोपना सरासर अन्याय है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष वरूण कुलकर्णी ने कहा कि ने कहा कि इस प्रकार की प्रस्तुति न केवल कांग्रेस की स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई गई ऐतिहासिक भूमिका को कलंकित करती है, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की छवि को भी धूमिल करती है। प्रदेश सचिव सैयद अल्तमस ने कहा कि शिक्षा सामग्री का उद्देश्य बच्चों और विद्यार्थियों को तथ्यों पर आधारित सच्चाई बताना होना चाहिए, न कि राजनीतिक पूर्वाग्रह थोपना छात्र छात्राओं को भ्रमित करने का भाजपा सरकार निरंतर प्रयास कर रहीं लेकिन हम होने नहीं देंगे । एनएसयूआई की प्रमुख मांगें – 1. एनसीईआरटी मॉड्यूल से आपत्तिजनक और भ्रामक सामग्री को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। 2. इस प्रकार की गलत जानकारी शामिल करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों एवं विशेषज्ञों पर कड़ी कार्रवाई हो। 3. शैक्षणिक सामग्री का पुनः परीक्षण करने के लिए निष्पक्ष और प्रामाणिक इतिहासकारों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए। 4. विद्यार्थियों को सत्य और तथ्यों पर आधारित निष्पक्ष इतिहास उपलब्ध कराया जाए ताकि उनकी सोच पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रभाव न पड़े। अक्षय तोमर ने कहा – एनसीईआरटी द्वारा जारी इस प्रकार की सामग्री न केवल ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अन्याय है, बल्कि शिक्षा को राजनीतिक बनाने का खतरनाक प्रयास है। यदि इस आपत्तिजनक मॉड्यूल को तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया तो एनएसयूआई और कांग्रेस इसे लेकर सड़कों पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। आंदोलन की चेतावनी – रवि परमार ने कहा कि यह केवल शुरुआत है। यदि एनसीईआरटी ने इस विषय पर त्वरित कार्यवाही नहीं की, तो आने वाले दिनों में प्रदेश और देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में छात्र आंदोलन चलाया जाएगा। एनएसयूआई ने यह भी ऐलान किया कि कांग्रेस और एनएसयूआई कभी भी देश के स्वतंत्रता संग्राम और बलिदान की छवि को धूमिल होने नहीं देंगे। प्रदर्शन में NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार प्रदेश उपाध्यक्ष वरुण कुलकर्णी जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर प्रदेश सचिव सैयद अल्तमस गैर तकनीकी महाविद्यालय प्रमुख आशीष शर्मा जिला उपाध्यक्ष अमित हाटिया सोहन मेवाड़ा यतेंद्र राजपूत देव अवस्थी हर्ष प्रसाद अभय रामभक्त लक्की चौबे अनिमेष गोल्डी आकांक्षित राय सहित सैकड़ो कार्यकर्ता शामिल थे। जुनेद/19 अगस्त2025