-बड़ी संख्या में माइनिंग क्षेत्र के उद्योगपतियों ने लिया हिस्सा -निवेशकों को करायें प्रदेश की खनिज संपदा और निवेश नीतियों से अवगत -खनन क्षेत्र के भविष्य को मिलेगी नई दिशा -देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने कॉन्क्लेव के प्रति दिखाई दिलचस्पी कटनी,(ईएमएस) मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार की शाम कटनी में मध्यप्रदेश माइनिंग कॉनक्लेव 2.0 के आयोजन पर पहुंचे। कॉनक्लेव का मुख्य फोकस क्षेत्र कोयला एवं ऊर्जा एवं हाइड्रोकार्बन, प्रौद्योगिकीय प्रगति, महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स) और चूना पत्थर एवं सीमेंट रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समिट में हिस्सा ले रहे निवेशकों विषय-विशेषज्ञों के साथ वन-टू-वन चर्चा भी की। कॉन्क्लेव के दौरान बड़ी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक और उद्योगपति शामिल हुए। कॉन्क्लेव में मिनरल एवं माईनिंग से संबंधित विभिन्न सत्रों के दौरान चर्चा कर सभी की राय जानी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां कहा कि मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश खनिजों की प्रचुरता और सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खनन क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृण करेगा, अपितु देश के औद्योगिक विकास और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। खनिज सम्पदा पर केन्द्रित प्रदर्शनी मध्यप्रदेश के कई जिले खनिज संपदा से भरपूर है। खनन क्षेत्र में राष्ट्रीय उत्पादन में मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान हैं। यहां राष्ट्रीय उत्पादन का 73 प्रतिशत तांबा, 29प्रतिशत रॉक फॉस्फेट, 26प्रतिशत मैंगनीज, 9प्रतिशत चूना पत्थर, 8प्रतिशत कोयला, 3प्रतिशत बॉक्साइट और एक प्रतिशत लोह अयस्क मिलता है। प्रदेश में मौजूद खनिज संपदा को प्रदर्शित करते हुए कॉन्क्लेव स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। इनके बीच हुआ एमओयू साइन माइनिंग कॉन्क्लेव में कोल इंडिया लिमिटेड, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, म.प्र. शासन तथा मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य क्रिटिकल मिनरल एवं अन्य खनिजों के पूर्वेक्षण एवं खनन के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गए। इसके अलावा संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्यप्रदेश शासन, मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड एवं टैक्समिन के बीच समझौता ज्ञापन तथा संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्यप्रदेश राज्य खनन निगम लिमिटेड और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल (आई.आई.एस.ई.आर.बी.) के मध्य समझौता ज्ञापन सौंपा गया। यह समझौता ज्ञापन भारत की खनिज अन्वेषण महत्वाकांक्षाओं को मज़बूत करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग, समन्वित प्रयासों और संसाधन साझाकरण की नींव रखेगा। आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री, सांसद एवं जिले के विधायक सहित अधिकारी. कर्मचारियों की मौजूदगी रही।