-प्रधानमंत्री ही नहीं फॉरेन, एजुकेशन और इकोनॉमी मिनिस्टर भी मारे गए सना(ईएमएस)। इजरायल की ओर से गुरुवार को की गई एयरस्ट्राइक में यमन के हूती शासन के प्रधानमंत्री समेत लगभग पूरी कैबिनेट मारी गई। मरने वालों में प्रधानमंत्री के अलावा एग्रीकल्चर, वेलफेयर, इकोनॉमी, जस्टिस, सूचना, शिक्षा, विदेश मामले और आंतरिक मामलों के मंत्री शामिल थे। इसके अलावा हूती सैन्य अभियानों के कमांडर भी हमले में मारे गए हैं। हूती संगठन इजरायल पर कई मिसाइल हमले कर चुका है और लाल सागर में जहाजों को भी निशाना बनाता रहा है। हूती न्यूज एजेंसी ने शनिवार को बताया कि राजधानी सना में इजरायल के हमले में प्रधानमंत्री अहमद गालेब अल-रहवी और कई मंत्री मारे गए। संगठन की सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख महदी अल-मशात ने इन मौतों की पुष्टि की है। हालांकि हूती शासन के रक्षा मंत्री की मौत को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। करीब एक साल पहले प्रधानमंत्री बने रहवी को हूती लीडरशिप का मुख्य हिस्सा नहीं माना जाता था। असल फैसले उनके डिप्टी मोहम्मद मोफ्ताह लेते थे, जिन्हें अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री का दायित्व सौंपा गया है। रिकॉर्डेड भाषण देखने के लिए जुटे थे हूती नेता इजरायल की सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने सना के उस परिसर को निशाना बनाया जहां हूती के वरिष्ठ नेता इकट्ठा थे। इसे एक जटिल ऑपरेशन बताया गया जो खुफिया जानकारी और वायु शक्ति के दम पर संभव हुआ। इजरायली सूत्रों का कहना है कि हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती का रिकॉर्डेड भाषण देखने के लिए बड़ी संख्या में जुटे थे। इजरायल पर मिसाइल दागते रहे हैं हूती ईरान समर्थित हूती संगठन लाल सागर में जहाजों पर हमलों को गाजा के फिलिस्तीनियों के समर्थन का हिस्सा बताता रहा है। हूती इजरायल पर मिसाइल भी दागते रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर को इंटरसेप्ट कर लिया गया। जवाब में इजरायल ने हूती बंदरगाह सहित यमन के हूती नियंत्रित क्षेत्रों पर कई हमले किए हैं। हूती विद्रोही बोले- बदला जरूर लेंगे यमन के हूती विद्रोहियों ने वादा किया कि वे अपने प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं की हत्या का बदला जरूर लेंगे। हूतियों की सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के प्रमुख महदी अल-मशात ने वीडियो जारी कर कहा कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। अल-रहावी ईरान समर्थित हूतियों के सबसे बड़े नेता थे। इजराइल ने बीते गुरुवार को यमन में राजधानी सना पर हवाई हमला किया था। हूती टीवी चैनल पर बताया गया कि हमला उस समय हुआ जब मंत्रियों की एक बैठक चल रही थी। इसमें प्रधानमंत्री रहावी के अलावा रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अती और आर्मी चीफ मोहम्मद अल-घमारी के भी मारे जाने की आशंका है। हालांकी हूती विद्रोहियों ने अभी तक इन दोनों नेताओं के मौत की पुष्टि नहीं की है। हूतियों ने 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से लगातार फिलिस्तीनियों के समर्थन में लाल सागर के जहाजों को निशाना बनाया है और इजराइल पर कई मिसाइलें दागी हैं, हालांकि ज्यादातर को रोक लिया गया है। विनोद उपाध्याय / 31 अगस्त, 2025