अंतर्राष्ट्रीय
31-Aug-2025


हाथी और ड्रैगन की दोस्ती निर्णायक... नई दिल्ली(ईएमएस)। चीन के तिआनजिन शहर में चल रहे एससीओ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक घंटे लंबी द्विपक्षीय वार्ता की। इस बातचीत में दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बीच मीटिंग में शी जिनपिंग ने कहा कि दोस्त बनना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) का एक साथ आना बहुत जरूरी है। लगभग एक घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय रिश्तों में हालिया प्रगति पर जोर दिया। पीएम ने मीटिंग के दौरान सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुआ समझौता, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू होने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित हमारे सहयोग से जुड़े हैं। यह पूरी मानवता के कल्याण का भी मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और कई अहम पहलुओं पर चर्चा की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि आपसे दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं आपको चीन में एससीओ समिट के लिए स्वागत करता हूं। पिछले साल हमारी कज़ान में सफल मुलाकात हुई थी। शी जिनपिंग ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दुनिया इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। चीन और भारत न सिर्फ दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं, बल्कि दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भी हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं। चीन और भारत दुश्मन नहीं, बल्कि दोस्त है जिनपिंग ने पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत में कहा कि चीन और भारत दुश्मन नहीं, बल्कि साझेदार हैं और दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं विकास के लिए अवसर हैं। जिनपिंग ने कहा कि जब तक दोनों देश अपने रिश्तों को सुधारने की दिशा में काम करते रहेंगे तब तक हम विकास करते रहेंगे। शी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी और एक-दूसरे की सफलता में मदद करने वाले दोस्त बनना चाहिए। आतंकवाद से लड़ाई में भारत का साथ दे चीन पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ बैठक में आतंकवाद का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। साथ ही आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए चीन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की अपील की है। मतभेद विवादों में न बदलें विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि पीएम मोदी और जिनपिंग ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर साझा आधार को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही दोहराया कि भारत और चीन विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए न्योता दिया, जिसकी मेजबानी भारत 2026 में करेगा। जिनपिंग के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व पर चर्चा की। पीएम मोदी और शी ने सीमा मुद्दे के निष्पक्ष, उचित और आपसी तौर पर स्वीकार्य समाधान के लिए प्रतिबद्धता जताई। साथ ही पिछले साल सैनिकों की सफल वापसी और उसके बाद से सीमा पर शांति कायम रहने पर संतोष व्यक्त किया। दोस्त बने रहना सही विकल्प चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि दोनों देशों के लिए दोस्त बने रहना सही विकल्प है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाथी और ड्रैगन को एक-दूसरे की सफलता के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि हम दोनों अपने लोगों की भलाई में सुधार लाने, विकासशील देशों की एकजुटता और कायाकल्प को बढ़ावा देने के साथ मानव समाज की प्रगति को गति देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी उठाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के लिए यह सही विकल्प है कि वे ऐसे दोस्त बनें जिनके बीच अच्छे पड़ोसी और सौहार्दपूर्ण संबंध हों, ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों, और ड्रैगन और हाथी एक साथ काम करें। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक नजरिये से देखना चाहिए। विनोद उपाध्याय / 31 अगस्त, 2025