01-Sep-2025
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:: राजबाड़ा से चिमनबाग तक 22 को निकलेगा भव्य जुलूस :: :: महिलाएं खींचेंगी कुलदेवी की पालकी, पुरुष संभालेंगे महाराजा अग्रसेन का रथ ; अनेक स्पर्धाएं भी होगी :: इंदौर (ईएमएस)। अग्रवाल समाज के पितृ पुरुष, महाराजा अग्रसेन की 5149वीं जयंती इस साल भी पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति द्वारा 22 सितंबर को एक भव्य जुलूस का आयोजन किया गया है। यह जुलूस शाम 6 बजे राजबाड़ा से शुरू होकर, जेलरोड़ चौराहा होते हुए चिमनबाग मैदान पहुँचेगा, जहाँ यह एक बड़े सामाजिक सम्मेलन का रूप ले लेगा। जुलूस का सबसे खास आकर्षण यह होगा कि समाज की महिलाएं अपनी कुलदेवी महालक्ष्मी की पालकी को अपने हाथों से खींचेंगी, जबकि पुरुष महाराजा अग्रसेन के सुसज्जित रथ को खींचते हुए चलेंगे। केन्द्रीय समिति के प्रमुख संरक्षक विनोद अग्रवाल और अध्यक्ष प्रेमचंद गोयल के मार्गदर्शन में स्नेह नगर स्थित अग्रसेन भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में समिति के सभी पूर्व अध्यक्षों और समाज के 125 संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मुख्य प्रभारी गणेश गोयल ने जयंती महोत्सव के कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसे सभी की सहमति से अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान समिति के संयोजक जगदीश गोयल बाबाश्री भी मौजूद थे। बैठक में यह तय हुआ कि जुलूस में छह घोड़ों की बग्घी पर महाराजा अग्रसेन का रथ, खाटू श्यामजी का दरबार, गरबा मंडलियां और फैंसी ड्रेस में सजे बच्चे शामिल होंगे। इसके अलावा, सोलह श्रृंगार और पारंपरिक मारवाड़ी-राजस्थानी परिधानों में सजी महिलाओं के लिए भी स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी और विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। चिमनबाग मैदान पर वर्षा की संभावना को देखते हुए, अलग-अलग वाटरप्रूफ पंडाल बनाए जाएंगे। यहां मंच, दरबार, भोजनशाला और सभा स्थल की व्यवस्था रहेगी, जहाँ महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग इंतजाम किए गए हैं। मैदान पर महाराजा अग्रसेन के साथ-साथ कुलदेवी महालक्ष्मी और भगवान श्रीनाथ के दरबार भी सजाए जाएंगे। इन दरबारों में 56 भोग लगाया जाएगा और सामूहिक महाआरती भी होगी। इस महोत्सव के सफल संचालन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। संतोष गोयल, पी.डी. अग्रवाल, अरविंद बागड़ी, गोविंद सिंघल, किशोर गोयल, राम ऐरन, विष्णु बिंदल, संजय बांकड़ा और राजेश बंसल जैसे प्रमुख पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। यह उत्सव निश्चित रूप से अग्रवाल समाज के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। प्रकाश/01 सितम्बर 2025