02-Sep-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। मानवाधिकार आयोग ने मुंबई के लालबागका राजा मंडप में वीवीआईपी के लिए अलग कतार के मुद्दे पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। दरअसल मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गई है कि विशेष अतिथियों के लिए यह विशेष व्यवस्था करके आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए आयोग ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आपको बता दें कि मुंबई के दो वकीलों आशीष राय और पंकज कुमार मिश्रा ने लालबागका राजा के वीआईपी दर्शन को लेकर मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अनंत बदर के समक्ष सोमवार को इस शिकायत पर सुनवाई हुई। इसमें आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुंबई पुलिस आयुक्त और मुंबई मनपा आयुक्त को भी नोटिस जारी किया है। मानवाधिकार आयोग ने इन सभी प्रतिवादियों को इस शिकायत की जांच कर छह सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है। मामले की आगे की सुनवाई 7 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके अलावा, आयोग ने लालबाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष और सचिव को भी नोटिस जारी कर इस शिकायत पर स्पष्टीकरण मांगा है। * क्या है मामला चूँकि गणेशोत्सव एक सार्वजनिक उत्सव है, इसलिए भगवान के दर्शन सभी के लिए सुलभ होने चाहिए। इस शिकायत में मांग की गई है कि भक्तों की दर्शन व्यवस्था में भेदभाव न करके आम भक्तों को न्याय दिया जाए। गणेशोत्सव के दौरान अन्य मंडलों की तुलना में यहाँ भक्तों की लंबी कतार लगती है। भक्त राजा के दर्शन के लिए घंटों कतारों में खड़े रहते हैं। यहाँ लालबाग के राजा के दर्शन करने के लिए मानो भक्तों में होड़ मची रहती है। यहाँ राज्य के कोने-कोने से और न केवल राज्य से बल्कि देश के कोने-कोने से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। हालाँकि, लालबाग राजा गणेश मंडल ने विशेष भक्तों के लिए अलग दर्शन कतारें बनाकर भक्तों के बीच खुला भेदभाव किया है। एक ओर जहाँ आम लोगों को घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी ठीक से दर्शन नहीं करने दिए जाते, वहीं दूसरी ओर वीवीआईपी लोगों को उनकी सुविधानुसार आराम से दर्शन करा दिए जाते हैं। इस दर्शन कतार में हुई झड़पों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। * भगदड़ का खतरा लालबागका राजा के दर्शन के लिए आम श्रद्धालुओं को बेहद संकरी जगह से होकर गुजरना पड़ता है। यहाँ लगातार 10 दिनों तक 24 घंटे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस भीड़ की उचित योजना न होने के कारण भगदड़ का खतरा बना रहता है। यहाँ मंडल के कार्यकर्ताओं और निजी सुरक्षा गार्डों के बीच महिलाओं और विकलांग श्रद्धालुओं के साथ बहस की कई घटनाएँ हो चुकी हैं। इसलिए, शिकायत में दावा किया गया है कि यहाँ मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन हो रहा है। इसलिए, लालबागका राजा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए यहाँ प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए। ताकि इन बहसों से बचा जा सके, ऐसा दावा किया गया है। संजय/संतोष झा- ०२ सितंबर/२०२५/ईएमएस