नई दिल्ली (ईएमएस)। अक्सर लोग पेट की गड़बड़ी, कब्ज, ब्लड प्रेशर की समस्या और थकान जैसी परेशानियां निपटने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन राहत केवल अस्थायी होती है और परेशानी फिर लौट आती है। ऐसे में योग एक सस्ता, सुरक्षित और स्थायी विकल्प साबित हो सकता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, अर्ध हलासन योगासन कब्ज से राहत देने में बेहद प्रभावी है। इस आसन के दौरान शरीर की स्थिति ऐसी बनती है कि पेट के निचले हिस्से पर हल्का दबाव पड़ता है। यह दबाव आंतों को सक्रिय करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। इससे मल त्याग सुचारु रूप से होने लगता है और लंबे समय से कब्ज से परेशान लोगों को फायदा मिलता है। नियमित अभ्यास सुबह पेट साफ रखने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, अर्ध हलासन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है। इस आसन से शरीर में रक्त प्रवाह संतुलित होता है और दिल की धड़कनें सामान्य होने लगती हैं। जब शरीर आराम की स्थिति में आता है, तो मानसिक तनाव भी घटता है। चूंकि तनाव और हाई बीपी का सीधा संबंध है, इसलिए यह आसन हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए कारगर हो सकता है। हालांकि गंभीर ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को इसे विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए। मंत्रालय का कहना है कि यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मददगार है। पैरों को ऊपर उठाने की प्रक्रिया से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे वे सशक्त होती हैं। बढ़ते वजन और पेट की चर्बी से जूझ रहे लोगों के लिए यह आसन एक प्रभावी उपाय माना जा सकता है। नियमित अभ्यास से पेट भीतर की ओर आता है और शरीर संतुलित रहता है। फिर भी, यह आसन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को कमर दर्द, आंतरिक चोट, हर्निया जैसी समस्याएं हैं, उन्हें यह आसन करने से बचना चाहिए। किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को योग गुरु या डॉक्टर से सलाह लेकर ही अर्ध हलासन करना चाहिए। इस तरह सावधानी के साथ किया गया योग स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का सहज उपाय बन सकता है। मालम हो कि भागदौड़ भरी जिंदगी और असंतुलित दिनचर्या के बीच लोग अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने लगे हैं। देर रात तक जागना, जंक फूड का सेवन, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने आम आदमी की सेहत पर गहरा असर डाला है। नतीजतन पेट की गड़बड़ी, कब्ज, ब्लड प्रेशर की समस्या और थकान जैसी परेशानियां आम हो चुकी हैं। सुदामा/ईएमएस 03 सितंबर 2025