-अमेरिकी सांसद फिट्जपैट्रिक का दावा- यह हमारे लगातार दबाव का असर वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी सांसद ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने दावा किया है कि भारत में रिफाइनरियां रूस से तेल आयात में कमी करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने इस संभावित बदलाव का श्रेय अमेरिका के लगातार दबाव और भारत में उनकी हालिया बैठकों को दिया है। यह बयान फिट्जपैट्रिक की भारत, पाकिस्तान और नेपाल की हालिया यात्रा के बाद सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिट्जपैट्रिक के कार्यालय ने कहा कि वह भारत में उच्च-स्तरीय रणनीतिक वार्ता और वरिष्ठ राजनयिक अधिकारियों के साथ बैठक के लिए आए थे। भारतीय रिफाइनरियों की ओर से रूसी तेल आयात घटाने के संकेत मिले हैं। यह दावा ऐसे समय में आया है जब हाल ही में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सितंबर में भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रोजनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी 10 से 20 फीसदी तक यानी 1.5 लाख से 3 लाख बैरल प्रतिदिन अतिरिक्त तेल खरीद सकती है। एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत को रूस से रियायती दरों पर तेल मिलेगा। उरल्स क्रूड की कीमत ब्रेंट क्रूड से प्रति बैरल 3–4 डॉलर कम बताई गई है। हाल ही में चीन में आयोजित एससीओ बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया था। फिट्जपैट्रिक ने कहा कि यदि भारतीय रिफाइनरियां रूसी तेल आयात में कटौती करती हैं तो यह एक अहम बदलाव होगा, जो सीधे तौर पर मॉस्को की यूक्रेन युद्ध को वित्तीय सहयोग देने की क्षमता को प्रभावित करेगा। उनका भारत दौरा हाल ही में पाकिस्तान और नेपाल यात्रा के बाद हुआ जहां उन्होंने वरिष्ठ राजनयिक अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय रणनीतिक संवाद में हिस्सा लिया। यह दावा उस वक्त सामने आया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव जारी है। टैरिफ पर हालिया टिप्पणी में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका “भारत के साथ अच्छे संबंध रखता है”, लेकिन उन्होंने इस रिश्ते को “एकतरफा” भी बताया। उन्होंने कहा कि हार्ले-डेविडसन बाइक समेत अमेरिकी वस्तुओं पर भारत की शुल्क दरें दुनिया में सबसे ऊंची हैं। भारत ने हालांकि स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा संबंधी खरीद-फरोख्त वैश्विक परिस्थितियों और बाजार में उपलब्ध ऑफर्स पर निर्भर करती है, न कि किसी दबाव पर। सिराज/ईएमएस 04 सितंबर 2025