पटना, (ईएमएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने एनडीए द्वारा 4 सितंबर के बिहार बंद के दौरान जहानाबाद में विद्यालय जा रही जिस महिला शिक्षिका के साथ गाली-गलौच और धक्का-मुक्की किया गया था, उलट उससे ही जहानाबाद के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने की तीखी भर्त्सना करते हुए इसे राज्य सरकार का तानाशाही फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई तो एनडीए के उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ होनी चाहिए जिन्होंने उस महिला शिक्षिका के खिलाफ दुर्व्यवहार किया था। जहानाबाद की घटना ने बिहार की आत्मा को आहत किया है। उस घटना ने बिहार को शर्मशार किया है । एनडीए द्वारा आयोजित बंद के दौरान एक महिला शिक्षिका , जो केवल अपने कर्तव्य पालन हेतु विद्यालय जा रही थी , उन्हें बीच सड़क पर रोका गया, गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किया गया। यह घटना न केवल बिहार की आधी आबादी पर सीधा हमला है बल्कि महिलाओं के प्रति एनडीए के घटिया सोच का जीता-जागता उदाहरण है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि इससे भी शर्मनाक और क्या हो सकता है कि पीड़िता महिला शिक्षिका की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने की बजाय जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उसी शिक्षिका को नोटिस थमा दिया और उल्टा दोषी ठहराने की कोशिश की। यह मानसिक प्रताड़ना और नारी सम्मान के प्रति संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना भाजपा-जेडीयू के चरित्र की असलियत को दर्शाता है। जो महिलाओं के सम्मान के सम्मान के साथ हीं शिक्षा का विरोधी है। शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा जाना और कार्रवाई करने की धमकी देना न केवल समूचे शिक्षक जगत के साथ अन्याय है, बल्कि यह बिहार की संस्कृति और गौरव का भी अपमान है। सरकार को तत्काल शिक्षिका को प्रताड़ित करने वाले दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए और जिला शिक्षा पदाधिकारी का पत्र वापस लेकर शिक्षिका से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। संतोष झा- ०६ सितंबर/२०२५/ईएमएस