राज्य
07-Sep-2025


-गोदामों में रखी है 27 लाख क्विंटल मूंग भोपाल (ईएमएस)। सरकार हर साल समर्थन मूल्य पर किसानों से अनाज तो खरीद लेती है, लेकिन वह गोदामों में रखे-रखे खराब होती रहती है। वर्तमान में सरकार की चिंता गोदामों में रखी 27 लाख क्विंटल मंूग बढ़ा रही है। बताया जाता है कि इस मूंग को बेचने की तैयारी हो रही है, लेकिन खरीद से भी कम दर मिल रही है। अगर सरकार इस मूंग को कम दर पर बेचती है तो अरबों रूपए की चपत लगेगी। जानकारी के अनुसार, दो साल से नाफेड, एनसीसीएफ और मार्कफेड के गोदामों में रखी है। सरकार गोदाम में रखी 27 लाख क्विंटल मूंग बेचने की तैसारी कर रही है। यह मंूग मप्र सरकार को डेढ़ हजार करोड़ रुपए का झटका देने वाली है। इस मूंग को 2022-23 के रबी सीजन के ग्रीष्मकालीन में और 2024 के ग्रीष्मकालीन सीजन में खरीदा गया है। नीलामी के दौरान खुले बाजार से ऐसा रेट आया है, जो घाटे वाला है। अब उच्च स्तर पर गुरुवार को मंत्रालय में में मुख्य सचिव डॉ. अनुराग जैन की अध्यक्षता में मीटिंग रखी गई है। इसमें यह तय होगा कि नुकसान के साथ नीलामी को मंजूरी दी जाए या नहीं। हर माह लग रहा करीब 16 करोड़ ब्याज जानकारी के अनुसार इस मूंग को सरकार की गारंटी पर बैंकों से कर्ज लेकर खरीदा गया है, जिसका हर माह 15 करोड़ 92 लाख रुपए ब्याज लग रहा है। जानकारों का कहना है कि जितना मूंग से नुकसान हो रहा है, यदि इस पैसे से सिर्फ गेहूं ही खरीदा जाता तो करीब दो साल तक पीडीएस में उसे लोगों को मुफ्त बांटा जा सकता था। उनका यह भी कहना है कि रबी सीजन को छोड़ दिया जाए तो ग्रीष्मकालीन मूंग के बारे में यह साफ है कि इसे दबाव में केंद्र सरकार द्वारा तय कोटे से ज्यादा खरीदा गया। अब यहीँ मूंग सरप्लस है। वर्ष 2022-23 में 75 हजार 783 टन और वर्ष 2024 में 1 लाख 92 हजार 253 टन मूंग (कुल 27 लाख क्विंटल) गोदामों में रखी है। प्रति टन इस पर 97 हजार रुपए व्यय हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि गोदामों में रखे सरप्लस मूंग का नीलामी में ऑफर रेट 55 से 65 हजार के बीच आया है। मप्र में 14 लाख टन के करीब मूंग का उत्पादन रबी सीजन के ग्रीष्मकालीन में मप्र देश का सर्वाधिक मूंग पैदा करता है। यह 14 लाख टन के करीब है। बाकी राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश भी मूंग का उत्पादन करते हैं। खरीफ सीजन में देश का 46 प्रतिशत मूंग अकेले राजस्थान में होता है। इस समय थोक में मूंग के भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इसी वजह से नीलामी में ऑफर इससे कम आया है। केंद्र सरकार के लक्ष्य से उपरोक्त दो वर्षों में 5.33 लाख टन मूंग की अधिक खरीदी हुई है। इसी को अब नीलाम करके पैसे की भरपाई होना है। हैरान करने वाला तथ्य है कि 27 लाख क्विंटल सरप्लस मूंग के रखरखाव पर हर माह 18 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। यहां बता दें कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के तहत प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) में यह मूंग खरीदी गई। विनोद/ईएमएस/07/09/2025