अंतर्राष्ट्रीय
07-Sep-2025


चुनाव आयोग की 10 सितंबर को दिल्ली में बैठक - साल के आखिरी में प्रक्रिया शुरू हो सकती है नई दिल्ली(ईएमएस)। चुनाव आयोग पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी एसआईआर(सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) करने की तैयारी में है। इसको लेकर दिल्ली में 10 सितंबर को बैठक होगी। बैठक में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शामिल होंगे। इसमें देशभर में एसआईआर कराने को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। यह मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के फरवरी में पद संभालने के बाद तीसरी बैठक होगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद वोटर लिस्ट जांच की प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जाएगी। साल के आखिरी में इसकी शुरुआत हो जाएगी, ताकि 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा सके। एसआईआर का मकसद- वोटर लिस्ट को अपडेट करना चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआरका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध मतदाताओं जैसे विदेशी नागरिकों, मृत व्यक्तियों या स्थानांतरित लोगों को हटाना है। इस बीच कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 2 तरीके बताए। पहला बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर, एक प्री-फील्ड फॉर्म गणना प्रपत्र (मतदाता की जानकारी और दस्तावेज) लेकर जाएंगे। दूसरा कोई भी व्यक्ति चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर यह फॉर्म डाउनलोड करके उसे भर सकता है। वोटर आईडी में अब मकान नंबर 0 नहीं होगा कर्नाटक में सैकड़ों मतदाता पहचान पत्रों में मकानों का एक ही पता ‘जीरो’ दर्ज होने से मचे बवाल के बीच चुनाव आयोग कुछ परिस्थितियों में नोशनल नंबर देना खत्म करने जा रहा है। इसके लिए मतदाता के पते के बारे में नए फॉर्मेट पर विचार किया जा रहा है, ताकि काल्पनिक नंबर देने की मजबूरी खत्म हो जाए। इसके तहत वोटर आईडी में मकान नंबर डालने की अनिवार्यता समाप्त करना भी शामिल है। मकान नंबर की जगह आधार नंबर डालने को भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने बड़ी संख्या में मकानों को नंबर 00 या 77777 या विनोद उपाध्याय / 07 सितम्बर, 20259 देने को राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक की वोटर लिस्ट में ऐसे कई पते दिखाए थे, जिनके आगे यही नंबर लिखे हुए थे। इसके बाद ऐसे वोटर्स को लेकर नई बहस छिड़ गई थी। चुनाव आयोग पर भी सवाल उठ रहे थे। विनोद उपाध्याय / 07 सितम्बर, 2025