-कहा - यह केवल टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है दुबई,(ईएमएस)। केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में यूपीआई-यूपीयू इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। यह ऐतिहासिक पहल दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए सीमा-पार धन प्रेषण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। यह तकनीक भारत के डाक विभाग, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के सहयोग से विकसित की गई है। इस परियोजना में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को यूपीयू इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म (आईपी) से जोड़ा गया है, जिससे डाक नेटवर्क की पहुंच और यूपीआई की गति व किफायत का अद्वितीय संयोजन स्थापित हुआ है। इस अवसर पर सिंधिया ने कहा कि यह केवल टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और यूपीआई की तेजी मिलकर यह तय करेंगी कि परिवार सीमाओं के पार भी तेज, सुरक्षित और कम लागत पर धन भेज सकें। यह साबित करता है कि नागरिकों के लिए बनी सार्वजनिक संरचनाएं, सीमाओं के पार जुड़कर मानवता की बेहतर सेवा कर सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने भारत की आधुनिक, समावेशी डाक प्रणाली की कार्ययोजना साझा की, जिसे उन्होंने चार क्रियाओं में परिभाषित किया। कनेक्ट- डेटा-आधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से निर्बाध जोड़। इंक्लूड– हर प्रवासी और डिजिटल उद्यम तक किफायती डिजिटल वित्तीय सेवाएं पहुंचाना। मॉडर्नाइज़- एआई, डिजिपिन और मशीन लर्निंग का उपयोग। कोऑपरेट- दक्षिण-दक्षिण सहयोग और यूपीयू समर्थित तकनीकी प्रकोष्ठ। कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ हमने 560 मिलियन से जयदा खाते खोले, जिनमें ज्यादातर महिलाओं के नाम पर हैं। इंडिया पोस्ट ने पिछले साल 900 मिलियन से ज्यादा पत्र और पार्सल वितरित किए। यही पैमाना और यही समावेश की भावना हम वैश्विक मंच पर लेकर आते हैं। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि भारत इस चक्र में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा ताकि तकनीक के जरिए नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, विशेषकर ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर फोकस के साथ। उन्होंने पीएम के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत संसाधनों, विशेषज्ञता और मित्रता के साथ विश्व समुदाय के साथ खड़ा है। इस दौरान सिंधिया ने घोषणा की कि भारत यूपीयू काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल दोनों में अपनी दावेदारी पेश करेगा। इससे भारत की यह प्रतिबद्धता और मजबूत होती है कि वह वैश्विक डाक समुदाय के लिए एक जुड़ा हुआ, समावेशी और सतत भविष्य बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आपके पास प्रस्ताव लेकर नहीं, बल्कि साझेदारी लेकर आया है। हम ऐसे समाधान बनाने में विश्वास रखते हैं जो महंगे विखंडन से बचाएं और भरोसे के साथ भुगतान, पहचान, पता और लॉजिस्टिक्स जुड़कर वैश्विक व्यापार को सहज बना सकें। सिराज/ईएमएस 09सितंबर25