क्षेत्रीय
09-Sep-2025
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भोपाल/सागर/दमोह (ईएमएस)। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) सागर ने रजिस्ट्री के दौरान चतुर्सीमा (सीमांकन) में जानबूझकर फेरबदल कर स्टाम्प शुल्क चोरी के मामले में गंभीर आर्थिक अनियमितता का खुलासा करते हुए दमोह के जगजीत सिंह वाधवा सहित तीन लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। यह मामला आवेदक अजीत अग्रवाल (निवासी दमोह) की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया कि रजिस्ट्री के समय भूखंड की वास्तविक सीमाओं को बदलकर जमीन को अंदरूनी भाग में दर्शाया गया, जबकि वह बायपास रोड से लगी हुई थी। इस फेरबदल से स्टाम्प शुल्क में ₹3,19,739/- की चोरी कर शासन को नुकसान पहुंचाया गया। जांच में सामने आई ये गड़बड़ियां: ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि: • वर्ष 2018 में लखनलाल पटैल (निवासी दमोह) ने 0.71 हेक्टेयर भूमि ₹57.73 लाख में खरीदी थी। • उसी भूमि को वर्ष 2020 में उन्होंने ₹27.93 लाख में जगजीत सिंह वाधवा को बेच दिया। • रजिस्ट्री के समय लखनलाल पटैल, जगजीत सिंह वाधवा और तत्कालीन उपपंजीयक उल्लास नाखरे ने मिलीभगत कर भूमि की सीमाओं में हेरफेर कर बायपास रोड की जानकारी छिपा ली। • इससे भूमि को कम मूल्य की दर्शाकर स्टाम्प शुल्क में ₹3.19 लाख की चोरी की गई। ईओडब्ल्यू के अनुसार, वर्ष 2018 और 2020 दोनों रजिस्ट्री उपपंजीयक उल्लास नाखरे द्वारा ही की गई थीं, जिससे यह स्पष्ट है कि तीनों आरोपी वास्तविक सीमाओं से भली-भांति परिचित थे। इसके बावजूद एक सोची-समझी साजिश के तहत शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई। दर्ज अपराध: आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471, 120 (बी) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7(सी) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी: 1. जगजीत सिंह वाधवा पिता सरदारीलाल वाधवा, निवासी दमोह 2. लखनलाल पटैल पिता राम प्रसाद पटैल, निवासी दमोह 3. उल्लास नाखरे, तत्कालीन उपपंजीयक, दमोह 4. अन्य अज्ञात व्यक्ति (जिनकी भूमिका जांच के दौरान सामने आ सकती है) ईओडब्ल्यू ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है और अन्य व्यक्तियों की भूमिका सामने आने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। जुनैद, 09 सितम्बर, 2025