राज्य
10-Sep-2025
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कोलकाता में मिले 14,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव -अपार संभावनाओं और स्थिरता का आदर्श निवेश स्थल हैं मप्र -ऑर्गेनिक कॉटन और गारमेंट उद्योग का हब है मप्र भोपाल/कोलकाता (ईएमएस) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कोलकाता में आयोजित एक इंटरेक्टिव सेशन में राज्य में निवेश की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वहीं निवेशकों से अहम चर्चा की। उन्होंने बंगाल के निवेशकों-उद्योगपतियों को बताया कि मप्र में उनके लिए अपार संभावनाएं हैं। वे चाहें तो बंगाल में बैठे-बैठे मप्र में व्यापार और निवेश कर सकते हैं। सरकार आपके व्यापार-निवेश की चिंता करेगी। कोलकाता में मप्र में 14,600 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को कोलकाता के.जे. डब्ल्यू मैरियट होटल में निवेश संभावनाओं पर इंटरेक्टिव सेशन में कहा है कि मप्र में उत्पादित आर्गेनिक कॉटन की मांग अनेक देशों में है। प्रदेश टेक्सटाइल का हब बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 7 पीएम मित्रा पार्क स्वीकृत किये, उसमें से पहले पीएम मित्रा पार्क का भूमि-पूजन करने प्रधानमंत्री मोदी 17 सितम्बर को धार जिले में आ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों का आहवान किया कि वे मध्यप्रदेश आये, राज्य सरकार निवेशकों को पीएम मित्रा पार्क में हर संभव सहायता और सुविधा उपलब्ध करवायेगी। धार का पीएम मित्रा पार्क भारत के औद्योगिक विकास की यात्रा में महत्वपूर्ण आयाम जोड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों के इंटरैक्टिव सेशन में मप्र को निवेश और औद्योगिक विकास के लिए सबसे भरोसेमंद और अवसरों से भरा राज्य बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, देश के मध्य में स्थित होने के कारण उत्तम कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचा और औद्योगिक शांति इसे उद्योगपतियों के लिए आदर्श निवेश स्थल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पार्क राज्य के टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने के साथ रोजगार और आर्थिक विकास में नए आयाम खोलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र की शुद्ध और ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन क्षमता इसे टेक्सटाइल निवेश के लिए विशेष बनाती है। पीएम मित्रा पार्क के माध्यम से राज्य में उत्पादन और प्रोसेसिंग के उच्च मानक स्थापित होंगे, जिससे निवेशकों को लाभ के साथ रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित होंगे। उन्होंने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि राज्य में निवेश स्थिर, पारदर्शी और सुरक्षित वातावरण में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों का आहवान किया कि आइये हम संकल्प लें कि स्वदेशी अपनायेंगे, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे और प्रधानमंत्री श्री मोदी के मेक इन इंडिया और विकसित भारत के संकल्प को पूरी शक्ति के साथ साकार करेंगे। शांति का टापू है मप्र सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बंगाल के लोग हवा का रुख पहचानकर निवेश करते हैं। राज्य सरकार नई तकनीकों के साथ सुशासन और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दे रही है। देश सोने की चिडिय़ा बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत गरीब, किसान और उद्योगपतियों के हितों को संरक्षित करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के आगे भी लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहां कोई हड़ताल नहीं होती। आप मध्यप्रदेश में फैक्ट्री लगाएं, यहीं से बैठकर फैक्ट्री चलती रहेगी। प्रदेश मध्य में है तो सभी दिशाओं में कनेक्टिविटी बेहतर है। मध्यप्रदेश हर सेक्टर में आगे बढ़ रहा है। बंगाल होजरी का बगीचा है। मध्यप्रदेश के धार में पीएम मित्र पार्क का प्रधानमंत्री मोदी शिलान्यास करने वाले हैं। प्रदेश में श्रेष्ठ गुणवत्ता का ऑर्गेनिक कॉटन उगाया जाता है। उन्होंने कहा कि बंगाल में गंगा सागर का किनारा भी है। भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर उतारकर सागर तक लेकर आए। मध्यप्रदेश की नदियां भी गंगा और यहां के सागर तक पहुंचती हैं। यह अद्भुत संगम है। प्रदेश में स्वदेशी और उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए जिम्मेदारी मेरे पास ही है। राज्य सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित दाम और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए संकल्पित है। उद्योगपतियों को हर प्रकार की सुविधा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की निवेश नीतियों पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में उद्योगपतियों को हर प्रकार की सुविधा, सुगमता और सुरक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक शांति सुनिश्चित है और किसी प्रकार की हड़ताल या व्यवधान के कारण निवेश प्रभावित नहीं होता। उन्होंने उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि मध्यप्रदेश में फैक्ट्री लगाना और संचालन करना सहज है, और राज्य के मध्य में होने के कारण पूरे देश में अपने उत्पाद और सेवाओं की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों को बताया कि पीएम मित्रा पार्क के माध्यम से टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में राज्य की औद्योगिक क्षमता और रोजगार सृजन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों का उद्देश्य किसानों, उद्योगपतियों और युवाओं को समान रूप से लाभ पहुंचाना है। राज्य में किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य और प्रोसेसिंग का सही अवसर मिलता है, उद्योगपतियों को व्यवसाय विस्तार की सुविधा है और युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाते हैं। मप्र में निवेश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग जगत को आमंत्रित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश केवल व्यावसायिक विस्तार नहीं है, बल्कि सतत विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भागीदारी का अवसर है। उन्होंने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि पीएम मित्रा पार्क और अन्य औद्योगिक हब राज्य की टेक्सटाइल, गारमेंट और अन्य सेक्टरों में निवेशकों के लिए लाभकारी और सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उत्पादन, लॉजिस्टिक्स और वितरण की सुव्यवस्था निवेशकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों को यह भरोसा भी दिलाया कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में निवेश करने से वे सिर्फ व्यावसायिक लाभ ही नहीं, बल्कि राज्य की स्थिरता, सतत विकास और आर्थिक समृद्धि में भी भागीदार बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 12 से अधिक उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। सेशन में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की। मप्र बना आकर्षक निवेश स्थल इन्वेस्ट इन एमपी इंटरएक्टिव सेशन में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी प्राकृतिक संपदा और निवेशक-हितैषी नीतियों के कारण उद्योगों का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक लाख एकड़ से अधिक का इंडस्ट्रियल लैंड बैंक, मजबूत एयर कनेक्टिविटी और विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कॉपर, मैंगनीज और डायमंड का सबसे बड़ा उत्पादक है और सीमेंट उत्पादन में भी अग्रणी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2030 तक भारत को 500 गीगावाट से अधिक ग्रीन एनर्जी उपलब्ध कराने के संकल्प में प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रमुख सचिव ने बताया कि नर्मदापुरम के पास स्थापित औद्योगिक क्षेत्र की सफलता के बाद उसे 880 एकड़ तक विस्तारित किया गया है, जिसे हाल ही में कैबिनेट की स्वीकृति भी मिली है। राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्रीज़ को 100त्न छूट, एक्सपोर्ट यूनिट्स को 50त्न प्रोत्साहन और कस्टमाइज्ड पैकेज पॉलिसी जैसी विशेष सुविधाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश में सबसे सस्ती बिजली लगभग 4 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट उपलब्ध है। पानी, रॉ मटेरियल और सुरक्षित श्रम वातावरण निवेशकों को प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न केवल भारत का हृदय है बल्कि औद्योगिक विकास का धडक़ता केंद्र बनकर उभर रहा है।