पटना,(ईएमएस)। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर अब बिहार के मौसम पर भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश के अनेक हिस्सों में बादल छाने के साथ ही हल्की बारिश और ठंडी हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 31 अक्टूबर तक पूरे बिहार में आंधी, वज्रपात और भारी वर्षा हो सकती है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने भी प्रदेश के सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा से सटे जिलों- भागलपुर, जमुई, बांका, मुंगेर, कटिहार, गया, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। वहीं, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद जिलों में भी आंधी-पानी का असर दिखाई देने लगा है। धान के कटोरे पर संकट के बादल धान उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रोहतास जिला, जिसे ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, इस समय सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। खेतों में धान की बालियां निकल चुकी हैं और कटाई का समय नजदीक है। ऐसे में यदि तेज हवा और बारिश हुई तो फसल के गिरने व दाना झड़ने का खतरा बढ़ जाएगा। किसानों ने चिंता जाहिर की है कि अगर बारिश से खेतों में पानी भर गया तो फसल को भारी नुक्सान हो सकता है, जिससे न केवल पैदावार घटेगी बल्कि रबी की बुआई भी प्रभावित होगी। पिछले 24 घंटे में रोहतास में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 48 घंटों में जिले का अधिकतम तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। यहां बुधवार से ही गरज-चमक और तेज हवा के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम का यह बदलाव जहां आम लोगों को उमस से राहत देने वाला साबित हो रहा है, वहीं किसानों के लिए नई चिंता लेकर आया है। अब सबकी नजर अगले दो दिनों के मौसम के बदलने वाले मिजाज पर टिक गई है, जो यह तय करेगा कि राज्य की धान फसल कितनी सुरक्षित रह पाएगी। हिदायत/ईएमएस 30अक्टूबर25