- सेंसेक्स 81,560 और निफ्टी 24,990 के स्तर पर मुंबई (ईएमएस)। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गुरुवार को कमजोर रही, लेकिन कुछ ही समय में फार्मा सेक्टर और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बाजार ने रिकवरी कर ली। बीएसई सेंसेक्स 200 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 81,217.30 पर खुला, लेकिन खुलने के बाद यह 135.96 अंक की बढ़त लेकर 81,561.11 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं निफ्टी50 भी 24,945 पर खुला और जल्द ही 23.15 अंकों की तेजी के साथ 24,996 पर पहुंच गया। बाजार में सुधार की एक बड़ी वजह भारत और अमेरिका के बीच फिर से शुरू हुई व्यापार वार्ता रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने व्यापार से जुड़ी अड़चनों को दूर करने और जल्द समझौते की उम्मीद जताई है। इससे निवेशकों में भरोसा लौटा है। इधर, फार्मा शेयरों में खरीदारी ने भी बाजार को मजबूती दी। बीते छह कारोबारी सत्रों में निफ्टी में कुल 1.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, जिसमें जीएसटी रेट कट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व से दरों में कटौती की उम्मीद भी योगदान दे रही है। तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी अब 25,250 से 25,400 के स्तर की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, यह तेजी तभी टिकेगी जब आईटी और बैंकिंग सेक्टर में मजबूती बनी रहे। नीचे की ओर अब निफ्टी को 24,650-24,750 के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है। एशियाई बाजार- वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। निवेशक चीन के अगस्त महीने के महंगाई आंकड़ों का आकलन कर रहे थे। चीन मेनलैंड का सीएसआई 300 इंडेक्स 0.13 प्रतिशत बढ़ा। जबकि हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 1 प्रतिशत गिर गया। अगस्त में चीन में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत गिरा। जबकि रॉयटर्स की तरफ से किए गए सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने केवल 0.2 प्रतिशत गिरावट की उम्मीद जताई थी। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.57 प्रतिशत चढ़ा और एक नया रिकॉर्ड हाई लेवल छू लिया। जबकि जापान का निक्केई इंडेक्स 0.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। अमेरिकी बाजार- अमेरिकी बाजारों में एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.3 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद हुआ। इसे ओरेकल के शेयरों में 36 प्रतिशत की तेजी से समर्थन मिला। वहीं नैस्डैक मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ जबकि डॉव जोन्स 0.48 प्रतिशत की गिरावट में रहा। अब अमेरिकी निवेशक अगस्त महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और सितंबर के शुरुआती बेरोजगारी दावों के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जो फेडरल रिजर्व की अगली सप्ताह होने वाली ब्याज दर निर्णय में गाइडेंस अहम भूमिका निभा सकते हैं। सतीश मोरे/11सितंबर ---