लेख
13-Sep-2025
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हिन्दी हितकर है सदा,हिन्दी तो अभियान है।। हिन्दी है मस्तक की बिंदी,हिंदी तो सम्मान है।। हिन्दी में तो आन है,हिन्दी में तो शान है। हिन्दी नित उत्कृष्ट है,हिन्दी सदा महान है।। हिन्दी अपनायें सभी,यही आज अरमान है। कला और साहित्य है,भरा हुआ यशगान है।। हिन्दी गीत,कुंडलिया,कविता है, चौपाई की शान है। हिन्दी है मस्तक की बिंदी,हिंदी तो सम्मान है।। हिन्दी में है उच्चता,मनुज सभी इसको मानें।। हिन्दी का उत्थान सदा हो,हिन्दी को सब ही जानें।। हिन्दी पर अभिमान हमें हो,हिन्दी अपनायें सब। हिंदी से हम प्रीति लगा लें,मंगलगीत सुनायें सब।। वह हर हिंदी के पथ में जो सचमुच चतुर सुजान है। हिन्दी है मस्तक की बिंदी,हिंदी तो सम्मान है।। हिन्दी में सामर्थ्य भरा है,हिन्दी में है वेग भरा। हिन्दी में तो सचमुच मृदुता,गरिमा का है नेग भरा।। हिन्दी में अध्यात्म भरा है,हरसाता तो धर्म है । लेखक,कवि जो गाते हैं गुण,समझो उसका मर्म है ।। हिन्दी संस्कारों की भाषा,हिंदी नवल विज्ञान है। हिन्दी है मस्तक की बिंदी,हिंदी तो सम्मान है।। ईएमएस / 13 सितम्बर 25