नई दिल्ली,(ईएमएस)। अंतरिम सरकार गठन के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य होने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर से यात्री वाहन, कार, बाइक, पैदल और मालवाहक ट्रक गुजरते नजर आए। बड़ी संख्या में कारोबारी ट्रक नेपाल में दाखिल हुए, जिससे व्यापारिक गतिविधियां भी शुरु हो गई हैं। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही अब भी सीमित है।इन सबके बीच, सीमा चौकियों पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और नागरिकों व वाहनों की निगरानी कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हालात पहले की तुलना में शांत हैं और आने वाले दिनों में सामान्य जनजीवन बहाल होने की उम्मीद है। दरअसल, नेपाल में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर जेन-जी विरोध-प्रदर्शनों ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया था। प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर बैन लगाने से हुई थी, लेकिन यह आंदोलन भ्रष्टाचार, राजनीतिक भाई-भतीजावाद, आर्थिक असमानता और युवाओं में बेरोजगारी को लेकर बड़ी लहर में बदल गया। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिस्कॉर्ड जैसे माध्यमों ने इस नेतृत्वविहीन आंदोलन को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई। देखते-ही-देखते हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। आंदोलन हिंसक झड़पों में बदल गया, जिसमें कई लोगों की जान भी गई और सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों समेत बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। देशभर में बढ़ते जन दबाव और हिंसा की घटनाओं के बीच पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद नेपाल की राजनीति में अहम बदलाव हुए और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। सरकार बदलने और नई व्यवस्था बनने के बाद अब भारत-नेपाल सीमा पर हालात स्थिर होते नजर आ रहे हैं। व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। वहीं, कारोबारी वर्ग के लोगों ने राहत की सांस ली है। सिराज/ईएमएस 14सितंबर25