नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में पीने के लिए तो बोतलबंद पानी खरीदकर इंतजाम हो जाता है, लेकिन नहाने व कपड़े धोने के लिए पानी का इंतजाम कैसे किया जाए। जो पानी अभी नलों में आ रहा है, वह इस्तेमाल योग्य नहीं है। अक्षरधाम अपार्टमेंट निवासी हर्षित गुप्ता ने एक उपाय निकाला। पानी की टंकी में क्लोरीन की कुछ गोलियां डाली जाती है। जब वह पानी नलों से बाहर निकलता है तो उसमें डिटाल की बूंदें डाली जाती हैं और अब इस पानी से लोग नहाते हैं। नहाते समय मुंह पूरा बंद रखा जाता है ताकि दूषित पानी मुंह में न चला जाए। लेकिन छोटे बच्चों का क्या किया जाए। तो उन्हें बोतलबंद पानी से ही कम पानी में नहला दिया जाता है। लेकिन कब तक... यह सवाल अक्षरधाम अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के सब्र की परीक्षा ले रहा है। अक्षरधाम अपार्टमेंट के लोग मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए। इनमें से कईयों के पास हास्पिटल की ओपीडी पर्ची थी। दूषित पानी से लोग यहां बीमार पड़ने लगे हैं। छोटे बच्चे पर इसका सबसे अधिक असर देखा जा रहा है। बुजुर्गों पर भी असर है। लोगों का कहना है कि दूषित जलापूर्ति की समस्या के समाधान को लेकर दिल्ली जल बोर्ड गंभीरता नहीं दिखा रहा है। मटियाला क्षेत्र के विधायक यहां आए, लेकिन नतीजा सिफर है। जल बोर्ड के मुख्य अभियंता भी उनके साथ आए, लेकिन नतीजा सिफर ही है। दूषित जलापूर्ति जारी है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/15/सितम्बर /2025