भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश पुलिस की सेवा डायल-112 वाहनों की खरीदी की कीमत को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। पुलिस विभाग ने इस पोस्ट को भ्रामक बताते हुए इससे संबधित जानकारी साझा की है। पीएचक्यू की और से जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर डायल-112 परियोजना के अंतर्गत वाहनों की खरीद एवं खर्च से जुड़ी भ्रामक और असत्य जानकारी प्रसारित की जा रही है। इन पोस्टों में दावा किया गया है कि सरकार ने गाड़ियां 30-40 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत पर खरीदीं और इस पर कुल 1500 करोड़ खर्च हुए हैं। यह दावा पूरी तरह गलत और निराधार है। डायल-112 परियोजना से संबंधित कुछ तथ्यों को स्पष्ट करना आवश्यक है। इस योजना का कुल टेंडर लगभग 972 करोड़ का है, न कि 1500 करोड़ , जैसा कि कुछ स्थानों पर गलत रूप से प्रस्तुत किया गया है। यह राशि किसी एक वर्ष के लिए नहीं, बल्कि पूरे पाँच वर्षों की अवधि के लिए निर्धारित है। इसमें केवल गाड़ियों का किराया शामिल नहीं है, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण मदें भी सम्मिलित हैं। कुल बजट में से 719.75 करोड़ का प्रावधान 1200 फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल्स (एफआरवी) के संचालन, रख-रखाव तथा लगभग 5000 कर्मचारियों के वेतन के लिए किया गया है। इसी प्रकार, 78.5 करोड़ का प्रावधान स्टेट कमांड सेंटर, डेस्कटॉप्स तथा 500 से अधिक कर्मचारियों के वेतन के लिए है। इसके अतिरिक्त, 174 करोड़ आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर एवं उनके रख-रखाव पर खर्च किया जाएगा। यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि गाड़ियाँ खरीदी नहीं गई हैं, बल्कि किराए पर ली गई हैं—जहाँ बोलेरो वाहन का किराया 32,000 प्रति माह और स्कॉर्पियो वाहन का किराया 36,000 प्रति माह तय किया गया है। इस प्रकार पाँच वर्षों के लिए कुल अनुमानित खर्च लगभग 972 करोड़ है। मध्यप्रदेश पुलिस नागरिकों से आग्रह करती है, कि वे इस प्रकार की भ्रामक और असत्य अफवाहों पर ध्यान न दें तथा सोशल मीडिया पर इनका प्रसार करने से बचें। सही एवं प्रमाणित जानकारी के लिए केवल मध्यप्रदेश पुलिस के आधिकारिक माध्यमों पर भरोसा करें। जुनेद / 15 सितंबर